हाल ही में गुजरात के पाटन जिले में एक अधजला शव मिलने से सनसनी फैल गई। शव घाघरा और ब्लाउज पहने हुए था, जिससे पहचान मुश्किल हो गई थी। बाद में मृतक की पहचान 56 वर्षीय दलित मजदूर हरजी देभा सोलंकी के रूप में हुई। मृतक के दलित समुदाय से होने के कारण इलाके में सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका थी लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामले को सुलझा लिया।
जांच के दौरान पुलिस ने गांव की ही 22 वर्षीय युवती गीता और उसके प्रेमी भरत लुभा अहिर को गिरफ्तार किया। पूछताछ में गीता ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि उसने प्रेमी के साथ मिलकर हरजी सोलंकी की हत्या की और शव को घाघरा-ब्लाउज पहनाकर जलाने की कोशिश की, ताकि लोग समझें कि मरने वाली गीता है। इसका मकसद था अपने परिवार को धोखा देकर प्रेमी के साथ भाग जाना। इस पूरे मामले ने न सिर्फ समाज को झकझोर दिया, बल्कि एक बार फिर यह सवाल खड़ा किया कि प्रेम, जाति और सामाजिक प्रतिबंधों के बीच पनपती ऐसी घटनाएं आखिर कब थमेंगी।
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गीता थी शादीशुदा
पुलिस के अनुसार, गीता पहले से शादीशुदा थी और अपने प्रेमी भरत के साथ जोधपुर भागने की योजना बना रही थी। इस योजना के तहत उन्होंने एक भयावह साजिश रची। दोनों ने सोलंकी नामक युवक को पहले शराब पिलाकर बेहोश किया, फिर उसकी हत्या कर दी। बाद में, उसकी लाश को गीता के कपड़ों में लपेटकर जलाया गया ताकि यह प्रतीत हो कि गीता की मौत हो चुकी है।
27 मई की सुबह जब जला हुआ शव मिला, तो स्थानीय लोगों को यह मामला जातिगत हिंसा से जुड़ा है। इलाके में तनाव का माहौल बन गया लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस जांच से साजिश का पर्दाफाश हुआ और पूरा मामला सामने आया। पुलिस ने 28 मई की सुबह लगभग 4 बजे पालनपुर रेलवे स्टेशन से गीता और भरत को उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वे जोधपुर की ट्रेन पकड़ने की कोशिश कर रहे थे।