बढ़ते वायु प्रदूषण से परेशान दिल्ली में अब बीजेपी सरकार नया कदम उठाने जा रही है। दिल्ली सरकार ने फैसला लिया है कि ऐसी गाड़ियां जो पुरानी हो गई हैं, उन्हें अब पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा। बताया जा रहा है कि सरकार इस फैसले को दो हफ्ते में लागू करने की तैयारी कर रही है। इसका मतलब हुआ कि अप्रैल के बाद पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा।
सरकार ने इसका ऐलान इस साल की शुरुआत में किया था। इसका मकसद ऐसी गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण को रोकना है, जो अपनी लीगल रोड लाइफ से भी ज्यादा लंबे समय से सड़क पर चल रहे हैं।
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किन गाड़ियों पर पड़ेगा असर?
2015 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) और फिर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि दिल्ली में 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां नहीं चल सकतीं हैं। सरकार ने इन्हें 'एंड ऑफ लाइफ व्हीकल' के तौर पर क्लासिफाइड किया था।
दिल्ली सरकार अब इन्हीं 'एंड ऑफ लाइफ व्हीकल' के इस्तेमाल को रोकने के लिए 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों के तेल खरीदने पर रोक लगाने की तैयारी कर रही है।
यह फैसला सिर्फ दिल्ली में रजिस्टर्ड गाड़ियों पर ही नहीं, बल्कि NCR में रजिस्टर्ड गाड़ियों पर भी लागू होगा। इसका मतलब हुआ कि NCR में भी जो पुरानी गाड़ियां हैं, दिल्ली आने पर उन्हें पेट्रोल-डीजल नहीं मिलेगा।
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मगर यह फैसला क्यों?
दिल्ली में वायु प्रदूषण अब हर साल की परेशानी बनता जा रहा है। प्रदूषण बढ़ाने में इन पुरानी गाड़ियों का सबसे बड़ा योगदान है। यही कारण है कि 2015 में NGT और फिर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने पुरानी गाड़ियों को प्रतिबंध कर दिया था।
हालांकि, आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में अब भी बहुत सी गाड़ियां ऐसी हैं, जो अब बहुत पुरानी हो चुकी हैं, उसके बावजूद सड़कों पर दौड़ रही हैं।
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के मुताबिक, सितंबर 2024 तक दिल्ली में करीब 60 लाख पुरानी गाड़ियां थीं। इनमें से कइयों को अब हटा दिया गया है, मगर अब भी हजारों गाड़ियां सड़कों पर चल रही हैं और प्रदूषण बढ़ा रही हैं। 2023 में पुलिस ने ऐसी 22,397 गाड़ियों को जब्त किया था। वहीं, पिछले साल जनवरी से सितंबर के बीच 2,310 गाड़ियों को जब्त किया गया था।
मगर यह लागू कैसे होगा?
इसके लिए सरकार ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) कैमरों का इस्तेमाल करेगी। सरकार का दावा है कि 500 में से 485 पेट्रोल पंपों पर ANPR कैमरे लगा दिए हैं। सिर्फ 15 पेट्रोल पंपों पर ऐसे कैमरे लगने बाकी हैं।
इन कैमरों की मदद से गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन किया जाएगा और उसका रजिस्ट्रेशन चेक किया जाएगा। अगर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 10 या 15 साल पुराना मिलता है तो फिर उसे पेट्रोल या डीजल देने से मना कर दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि सरकार इस फैसले को 1 अप्रैल से ही लागू करना चाहती थी, मगर इसमें डिले हो गया। अब इसे 1 मई से लागू करने की तैयारी कर रही है। इसका मतलब हुआ कि 1 मई से 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को तेल नहीं मिलेगा।