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उत्तरकाशी हादस: 4 दिन, 150 से ज्यादा लापता, रेस्क्यू जारी

उत्तराखंड के धराली (उत्तरकाशी) में मंगलवार को हुए हादसे को आज चौथा दिन है। पिछले चार दिनों से राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं लेकिन अभी भी कई लोग लापता हैं।

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धराली, Photo Credit: PTI

उत्तराखंड के धराली में मंगलवार 5 अगस्त को आई आपदा के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है। हादसे के बाद अब अगले हफ्ते केंद्र के अलग-अलग मंत्रालयों की एक टीम आपदा प्रभावित इलाके का दौरा करेगी। इस टीम में विशेषज्ञ नुकसान का जायजा लेने के साथ ही बचाव और राहत कार्य की रणनीति भी तैयार करेंगें। शुक्रवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी हादसे में प्रभावित लोगों से मुलाकात की और इस दौरान एक महिला ने अपनी साड़ी का कोना फाड़ कर उन्हें राखी भी बांधी।

 

गुरुवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने राज्य के अधिकारियों के साथ धराली आपदा में बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा की। अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने कहा कि (NDMA) की ओर से रेस्क्यू अभियान की निगरानी की जा रही है। NDMA के स्तर से जो भी सहायता उत्तराखंड को चाहिए वह तुरंत उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी आश्वासन दिया की धराली में पुनर्निर्माण कार्यों के लिए केंद्र सरकार के स्तर से हर संभव आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई जाएगी। इस हादसे में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए टीम अगले हफ्ते इस इलाके का दौरा करेगी। 

 

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कई लोग लापता

इस हादसे का आज चौथा दिन है और चौथे दिन भी 100 से 150 लोग लापता हैं। आशंका है कि लापता लोग मलबे में दबे हो सकते हैं। इन लोगों को निकालने के लिए पूरी तरह से रेस्क्यू शुरू होने में 4 दिन का समय और लग सकता है। हादसे के कारण 80 एकड़ में 20 से 50 फीट तक मलबा फैला है। इसे हटाने के लिए सिर्फ 3 जेसीबी मशीनें लगी हैं लेकिन यह पर्याप्त नहीं हैं।

 

मलबा इतना ज्यादा है कि इसे हटाने के लिए हाईटेक थर्मल सेंसिंग उपकरण और बड़ी मशीनें चाहिए। इन मशीनों को धराली पहुंचने में अभी समय लग सकता है क्योंकि ये सभी मशीनें 60 किमी दूर भटवाड़ी में रास्ता न खुलने की वजह से 2 दिन से अटकी हुई हैं। प्रशासन मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है। लापता लोगों की तलाश के लिए डॉग स्क्वॉड भी लगाया गया है।

पीड़ितों से मिले मुख्यमंत्री

धराली में हुए इस हादसे से कई लोग प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को धराली हादसे के प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उन्होंने सभी लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, 'आपदा की इस घड़ी में स्थानीय नागरिकों और अन्य राज्यों से आए पर्यटकों और श्रद्धालुओं सभी की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस कठिन समय में हम पूरी निष्ठा, संवेदनशीलता और समर्पण के साथ प्रभावितों के साथ खड़े हैं।'

 

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मुख्यमंत्री के इस दौरे के दौरान एक दिल छू लेने वाली तस्वीर भी सामने आई। एक महिला ने अपनी साड़ी का किनारा फाड़ कर मुख्यमंत्री को राखी बांधी। मुख्यमंत्री ने कहा, ' धराली (उत्तरकाशी) में आपदा प्रभावित क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान एक बहन ने साड़ी का किनारा फाड़ कर मेरी कलाई पर राखी के प्रतीक के रूप में बांधा तो मन बहुत भावुक हो उठा।'

 

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, 'ना थाली, ना चंदन, केवल एक कपड़े का टुकड़ा लेकिन उसमें रिश्ते का सच्चा एहसास, सुरक्षा का वचन और मानवता का सबसे सुंदर रूप समाया था। उस राखी में एक बहन की प्रार्थना थी और एक भाई के कंधों पर आया एक नया दायित्व। ये कोई सामान्य राखी नहीं थी ये थी भरोसे की, अपनत्व की और उस रिश्ते की जो खून से नहीं, दिल से जुड़ता है।'

ईसरो ने की मदद

इस हादसे में मदद के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ सेना और अन्य संस्थान भी आगे आए हैं। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) ने भी अपने स्तर पर मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। ईसरो ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि Cartosat-2S सैटेलाइट से हादसे वाली जगह की पहले और बाद की तस्वीर क्लिक की गई। जिससे त्रासदी के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी मदद मिली।

 

 ईसरो की जांच में पता चला कि बाढ़ के कारण नदियां चौड़ी हो गईं, उनका रास्ता बदल गया है। धराली में लगभग 20 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मलबे का जमाव है। प्रभावित क्षेत्र में कई इमारतों को थोड़ा या पूरा नुकसान हुआ है और नदी के किनारों और घरों पर कीचड़ जमा हुआ।

गृह मंत्रालय की उत्तराखंड पर नजर

आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि भारत सरकार और गृह मंत्रालय पूरी तरह उत्तराखंड के साथ खड़ा है। अधिकारियों ने हर्षिल के ऊपरी क्षेत्र में बन रही झील की भी निगरानी करने और जल निकासी के लिए सेना और राज्य की एजेंसियों की एक संयुक्त टीम मौके पर भेजने के लिए कहा है। आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि जो झील बन रही है। उसमें पानी की निकासी हो रही है। एक टीम ने इसका निरीक्षण किया है।

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