धर्मस्थल केस: महिला ने वारदात को बताया मनगढ़ंत, अब क्या पता चला?
राज्य
• BENGALURU 23 Aug 2025, (अपडेटेड 23 Aug 2025, 12:22 PM IST)
कर्नाटक के धर्मस्थल में करीब 100 शव दफनाए जाने के मामले में एक महिला ने अपनी बेटी का शव होने का दावा किया था। इस महिला ने अब अपने बयान को मनगढ़ंत बताया है।

धर्मस्थल, Photo Credit: PTI
कर्नाटक के नेत्रावती नदी के किनारे स्थित धर्मस्थल इन दिनों काफी चर्चा में है। एक शख्स ने दावा किया था कि उसने यहां सैकड़ों लोगों को दफन किया है। उसने कहा था कि जिन महिलाओं और लड़कियों को उसने दफनाया उनमें कई पर यौन उत्पीड़न के आरोप थे। इस दावे के बाद एक महिला ने ऐसा दावा किया था जिससे यह मामला और भी पेचीदा हो गया था। महिला ने दावा किया था कि साल 2003 में उसकी लड़की का यौन उत्पीड़न करने यहीं दफनाया गया था। अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। महिला ने अब अपने दावे को मनगढ़ंत बता दिया है।
बता दें कि सुजाता भट नाम की महिला ने पहले दावा किया था कि उसकी बेटी 2003 में लापता हो गई थी। उसने कहा था कि उसकी बेटी के साथ बलात्कार किया गया और उसके बाद उसे धर्मस्थल में ही दफनाया गया था। इस महिला के दावे के बाद धर्मस्थल में सामूहिक दफनाने के मामले में यौन उत्पीड़न और महिलाओं के लापता होने के आरोपों को लेकर विवाद बढ़ गया।
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अपने दावे को बताया मनगढ़ंत
जिस महिला ने यह दावा किया था अब उसी महिला ने शुक्रवार को एक बयान दिया है जिससे पूरा मामला और भी उलझ गया है। दरअसल, महिला ने कहा कि उसकी कहानी मनगढ़ंत है। एक यूट्यूब चैनल से बात करते हुए सुजाता भट ने बताया कि धर्मस्थल मामले में उसने जो भी दावे किए थे वे सभी गलत हैं। उसने एक्टिविस्ट गिरीश मत्तनवर और टी जयंती पर आरोप लगाया कि उन्होंने ही उसे ऐसा दावा करने के लिए उकसाया था।
सुजाता से जब पूछा गया कि क्या उसकी बेटी अनन्या 2003 में धर्मस्थल से गायब हो गई थी। इसके जवाब में उसने कहा, 'यह सच नहीं है। अनन्या भट नाम की मेरी कोई बेटी थी ही नहीं थी। अनन्या को लेकर जितने भी सबूत या तस्वीरें चलाई गई थीं। सब के सब मनगढ़ंत थी। सारी कहानी मनगढ़ंत थीं ।' उसने बताया कि यब सब पूरी तरह से फर्जी था।
पहले क्या दावा किया था?
सुजाता ने एक सप्ताह पहले ही जांच कर रहे अधिकारियों को बताया था कि साल 2003 में उसकी 18 साल की बेटी अनन्या धर्मस्थल से गायब हो गई थी। उसने बताया था कि वह एक मेडिकल स्टूडेंट थी और धर्मस्थल एक ट्रिप पर गई थी। उसने दावा किया था कि अनन्या के दोस्त घूमने चले गए थे लेकिन वह वहीं मंदिर के पास ही रूक गई थी लेकिन जब उसके दोस्त वहां आए तो वह वहां नहीं थी।
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सुजाता ने तो यहां तक दावा किया था कि उसे भी बंधक बना लिया गया था। और धर्मस्थल ना जाने के लिए कहा गया था। उस पर मामला छिपाने के लिए दबाव बनाया गया। उसने आरोप लगाया कि उसके साथ मारपीट की गई थी, जिससे उसकी हालत गंभीर हो गई थी। उसका एक महीने तक इलाज चला था।
एक हफ्ते में बदला बयान
शुक्रवार को दिए बयान में सुजाता ने अपनी पूरी कहानी को मनगढ़ंत बता दिया है। उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगते हुए कहा, 'हां कर्नाटक के लोगों से और धर्मस्थल के भक्तों से मैं माफी मांगना चाहती हूं। मैं पूरे देश से माफी मांगना चाहती हूं। मुझे कभी भी पैसा नहीं चाहिए था।' उसने इस बात पर जोर दिया कि उसने यह बयान पैसों के लिए नहीं दिया था।
क्यों किया गलत दावा?
जब सुजाता से पूछा गया कि उसने गलत दावा क्यों किया तो उसने इसके पीछे जमीनी विवाद को वजह बयाता। उन्होंने कहा, 'कुछ लोगों ने मुझे ऐसा कहने के लिए कहा था। मुझे प्रोपर्टी के विवाद के चलते ऐसा कहने के लिए कहा गया।' उसने बताया कि उसके दादा जी के नाम पर धर्मस्थल में कुछ जमीन थी लेकिन उस जमीन पर धर्मस्थल मंदिर के अधिकारियों ने कब्जा कर लिया।
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उसने इस बयान के बदले पैसा लेने की बात को सिरे से नकार दिया और कहा, 'किसी ने भी पैसे की मांग नहीं की थी। मैंने सिर्फ यही पूछा था कि मेरे दादा जी की जमीन उनके सिग्नेचर के बिना धर्मस्थल मंदिर के अधिकारियों ने कैसे हड़प ली? यह इकलौता सवाल है जो मेरे मन में है।'
इस वीडियो के आने से पहले इस मामले में जांच कर रही एसआईटी की टीम ने सुजाता को नोटिस जारी कर दिया था। टीम ने सुजाता को पूछताछ के लिए ऑफिस आने के लिए कहा है।
एसआईटी ने की बड़ी कार्रवाई
इस मामले में जांच कर रही एसआईटी की टीम ने धर्मस्थल मंदिर प्रशासन के पूर्व सफाईकर्मी को गिरफ्तार कर लिया है। इस व्यक्ति ने ही आरोप लगाए थे और पुलिस इससे पूछताछ कर रही थी। आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, जांच के दौरान पाया गया कि उस व्यक्ति ने झूठे सबूत दिखाए थे। जो खोपड़ी उसने दिखाई थी वह नकली थी। इसके बाद पुलिस ने उसे झूठी गवाही और गलत सबूत देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
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