केरल में तमाम चुनौतियों के बीच एक समस्या आम होती जा रही है। राज्य के युवाओं में 'हत्या' और 'मार-काट' करने की प्रवृत्ति पैदा हो रही है। इसने केरल सरकार और राज्य पुलिस को हिलाकर रख दिया है। टीनएजर्स और युवाओं में ये हिंसक और आपराधित प्रवृत्ति परिवार, स्कूल और समाज से नहीं बल्कि फिल्म और ऑनलाइन गेम्स के आ रही है।
बेकाबू हो चुकी फिल्म इंडस्ट्री और ऑनलाइन गेम्स का खामियाजा जान गंवा चुके लोग, उनके दुखी परिवार और समाज बेवजह भुगत रहा है। इसी बात ने केरल सरकार की चिंता बढ़ा दी है। अब पिनाराई विजयन सरकार इसे रोकने के लिए राज्य स्तर पर कानून बनाने और केंद्र सरकार ने कड़े कदम उठाने की मांग कर रही है।
ऑनलाइन गेम्स के चलते 70 लोगों की हत्या
दरअसल, केरल में पिछले दो महीनों में ऑनलाइन गेम्स के चलते 70 लोगों की हत्या हो चुकी है। सरकार के आधिकारिक रिकॉर्ड के मुताबिक, दो महीने के भीतर राज्य में जनवरी से अब तक वेंजरामूडू सामूहिक हत्याकांड समेत 65 हत्या के केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से 30 मामलों में आरोपी परिवार के सदस्य हैं, जबकि 17 मामलों में वे पीड़ितों के दोस्त हैं और तीन मामलों में वे पड़ोसी हैं।
यह भी पढ़ें: परिसीमन पर CM स्टालिन ने बुलाई बैठक, BJP ने सहयोगियों संग किया किनारा
50 हत्याओं की वजह पारिवारिक विवाद
इनमें से 50 हत्याओं की वजह पारिवारिक विवाद बताया गया है। दरअसल, पुलिस के पास पारिवारिक मामलों में हस्तक्षेप करने का सीमित अधिकार है, इसलिए पुलिस ने सरकार से इन मामलों में संयुक्त हस्तक्षेप की मांग की है। केरल के एडीजीपी ने कहा है कि स्थानीय स्वशासन विभाग और सामाजिक न्याय विभाग के समन्वय से राज्य के प्रत्येक वार्ड में परिवारों के भीतर की समस्याओं की पहचान की जानी चाहिए।
केरल पुलिस ने राज्य सरकार से शिक्षा, लोकल सेल्फ गवर्नमेंट, समाज कल्याण, आबकारी और सांस्कृतिक मामलों के विभागों के साथ समन्वय करके केरल में कानून और व्यवस्था बहाल करने की योजना बनाने का अनुरोध किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य केरल में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और हत्याओं की रोकथाम करना होगा।
केंद्र सरकार को पत्र लिखेगी केरल सरकार
केरल के एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) मनोज अब्राहम ने इस मामले में कहा है कि बाल आत्महत्याओं पर एक स्टडी की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्टडी करके जल्द ही सरकार को इसकी रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
पुलिस ने तर्क देते हुए माना है कि फिल्में और नशीली दवाओं का दुरुपयोग बच्चों में हिंसा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन फिल्मों में अपराध और हिंसा को लेकर नियम बनाने और उनसे चर्चा करने के लिए फिल्म निर्माताओं के साथ बैठक करेंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार केंद्र सरकार को पत्र लिखकर हिंसक ऑनलाइन गेम पर बैन लगाने का अनुरोध करेगी।
यह भी पढ़ें: 'संस्कृत मरी भाषा, हिंदी बोर्ड हटाओ,' CM स्टालिन की केंद्र से मांग
विधानसभा में उठ चुका है मुद्दा
युवाओं में बढ़ रही हिंसा की प्रवृत्ति को लेकर केरल की विधानसभा में भी मुद्दा उठ चुका है। फिल्मों से बच्चों में आपराधिक प्रवृत्ति आ रही है इसको केरल ने आधिकारिक तौर पर माना है। केरल विधानसभा ने फिल्मों में हिंसा को केरल के युवाओं में बर्बर सोच को बढ़ावा देने वाले कारकों में से एक माना है।
3 मार्च को राज्य विधानसभा में केरल में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं पर चर्चा हो रही थी। इन हिंसक घटनाओं पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन समेत विपक्ष के विधायकों ने भी समाज पर फिल्मों के बुरे प्रभाव की बात कही। विधानसभा में इस बात पर आम सहमति बनी कि फिल्में वास्तव में हिंसा को बढ़ावा दे रही हैं।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने विधानसभा में अपनी बात रखते हुए कहा कि उनके पास एक पुलिस रिपोर्ट सामने आई है। इस रिपोर्ट में दिखाया गया है कि कैसे प्रसिद्ध अभिनेता फहाद फासिल अभिनीत फिल्म 'आवेशम' ने बच्चों पर खतरनाक तरीके से प्रभाव डाला।