गुजरात के अरब सागर में हाल ही में ड्रग्स की एक बड़ी खेप पकड़ी गई है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 1800 करोड़ रुपये बताई जा रही है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) और गुजरात एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) की संयुक्त टीमों ने 12-13 अप्रैल, 2025 को एक अभियान में 300 किलोग्राम के ड्रग्स जब्त किया। एक अथिकारी ने बताया कि पाकिस्तान से तस्करी कर लाए गए नशीले पदार्थों को तस्करों ने एक मछली पकड़ने वाली नाव पर समुद्र में फेंक दिया था। उन्होंने बताया कि तस्कर गिरफ्तारी से बचने के लिए सीमा पार कर पाकिस्तानी जलसीमा में भाग गए। माल बरामद कर लिया गया है और आगे की जांच के लिए एटीएस को सौंप दिया गया है।
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1800 करोड़ रुपये
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इस घटनाक्रम को शेयर किया। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'भारतीय तटरक्षक बल, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और एटीएस के संयुक्त अभियान में गुजरात तट से 1,800 करोड़ रुपये के मादक पदार्थों की जब्ती की गई है।' जब्त की गई मात्रा लगभग 300 किलोग्राम है, जिनमें मेफेड्रोन शामिल है। इनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 1800 करोड़ रुपये है।
पहले भी ड्रग्स तस्करी के आए कई मामले
गुजरात तट और अरब सागर के रास्ते ड्रग्स तस्करी की पहले भी कई बड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यह इलाका तस्करों के लिए सबसे आसान माना जाता है, क्योंकि यह पाकिस्तान और अफगानिस्तान जैसे देशों से आने वाले ड्रग्स के लिए समुद्री रास्ता उपलब्ध कराता है। मई 2023 में भारतीय नौसेना और NCB ने 2500 किलोग्राम के मेथमफेटामाइन ड्रग्स जब्त किए थे जिसकी कीमत 12 हजार करोड़ रुपये थे।
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तस्करी के लिए गुजरात क्यों होता है निशाने पर?
अरब सागर के पास होने के कारण यह अतंरराष्ट्रीय जलसीमा के बेहद करीब है। मुंद्रा, कांडला जैसे बड़े बंदरगाह तस्करों के लिए आकर्षक मार्ग है और पाकिस्तान से समद्री रास्ते से तस्करी करना आसान होता है। इसके अलावा सुरक्षा की खामियां भी है क्योंकि हर जगह लगातार निगरानी संभव नहीं होती इसलिए छुपकर बोट से ड्रग्स लाने की कोशिश होती रहती है।