ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के दौरान कई लोग उमस के कारण बेहोश हो गए हैं। लोगों के बेहोश होते ही रथ यात्रा में अफरातफरी मच गई। इसके फौरन बाद मौके पर एम्बुलेंस को बुलाकर बेहोश लोगों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। लोगों का अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। इस दौरान रथ यात्रा को कुछ देर के लिए रोक दिया गया। हालांकि, इसमें किसी के भी हताहत होने की खबर नहीं है।
शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ के पहाड़ी समारोह के दौरान गजपति दिव्यसंघदेव के महल के पास बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए थे। प्रशासन को भीड़ को नियंत्रित करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी। इसी दौरान श्रद्धालुओं के बीच हुई खींचतान में लोग बेहोश हो गए और अफरातफरी मच गई।
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अधिक नमी की वजह से भक्त हुए बेहोश
घटना की जानकारी मिलते ही ओडिशा के मंत्री मुकेश महालिंग ने बयान जारी किया है। उन्होंने कहा, 'अधिक उमस की वजह से दो भक्त बेहोश हो गए। बचाव दल ने उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया। मंदिर क्षेत्र में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र हैं। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए भी यहां हूं कि ग्लूकोज और पानी पर्याप्त रूप से उपलब्ध कराया जा रहा है। मैं यह सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल भी जाऊंगा कि जिन लोगों को मदद की जरूरत है, उन्हें उचित स्वास्थ्य सेवा दी जा रही है।'
भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा 27 जून से..
बता दें कि भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा इस साल 27 जून को मनाया जा रहा है। इस मौके पर लोग भगवान के दर्शन कर उनके आशीर्वाद लेते हैं। इस दिन भगवान बलभद्र (जो भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई हैं), सुभद्रा (उनकी बहन), और खुद भगवान जगन्नाथ की पूजा होती है। इन तीनों को भव्य रथों में बैठाकर पुरी की सड़कों पर निकाला जाता है ताकि हर कोई उन्हें देख सके और उनका आशीवार्द पा सके।
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तीनों देवताओं के लिए अलग-अलग रथ होता है – भगवान बलभद्र का रथ 16 पहियों वाला होता है, भगवान जगन्नाथ का रथ सबसे बड़ा होता है जिसमें 18 पहिए होते हैं, और सुभद्रा के रथ में 14 पहिए होते हैं। इस रथ भव्य यात्रा को देखने के लिए लाखों भक्त पुरी पहुंचे रहे हैं, ताकि भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के भव्य रथों के दर्शन कर सकें।