प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को सुबह-सुबह छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापा मारा। यह छापेमारी उनके बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े 2,100 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के सिलसिले में की गई है। इस मामले में ED चैतन्य बघेल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है।
हालांकि, भूपेश बघेल ने दावा किया है कि विधानसभा में अडानी से जुड़े एक प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाया जाना था, इसलिए ED भेजी गई है। उन्होंने X पर पोस्ट कर लिखा, 'साहेब ने ED भेज दी है।'
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कथित शराब घोटाले की जांच के दौरान नए सबूत मिलने के बाद भिलाई स्थित भूपेश बघेल के घर पर ED की टीम ने छापा मारा। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत की जा रही है। सूत्रों ने बताया कि यह कार्रवाई चैतन्य बघेल के खिलाफ की गई है, जिनकी कथित शराब घोटाले में जांच चल रही है।
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बघेल के घर के बाहर भारी सुरक्षा
बताया जा रहा है कि ED की टीम सुबह-सुबह साढ़े 6 बजे भूपेश बघेल के घर पहुंची। उनके घर के बाहर भारी सुरक्षा है। घर के बाहर भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं। इनके अलावा, उनके समर्थक भी घर के बाहर जुट गए हैं। इससे पहले ED ने चैतन्य बघेल के खिलाफ 10 मार्च को भी छापेमारी की थी।
भूपेश बघेल बोले- ED आ गई
सुबह-सुबह ED की छापेमारी पर पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने सरकार को घेरा है। उनके ऑफिस की तरफ से X पर पोस्ट कर दावा किया है कि 'ED आ गई। आज विधानसभा सत्र का आखिरी दिन है। अडानी के लिए तमनार में काटे जा रहे पेड़ों का मुद्दा आज उठाना था। भिलाई निवास में 'साहेब' ने ED भेज दी है।'
इस महीने की शुरुआत में भूपेश बघेल तमनार भी गए थे। उन्होंने वहां स्थानीयों का समर्थन दिया था, जो इलाके में एक कोयला खदान के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध कर रहे हैं।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, कोयले की यह खदान महाराष्ट्र स्टेट पावर जनरेशन कंपनी (MAHAGENCO) को आवंटित की गई है, जिसने अडानी ग्रुप को MDA (माइन डेवलपर कम ऑपरेटर) का ठेका दिया है।
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ED ने क्यों की यह छापेमारी?
ED ने दावा किया था कि चैतन्य बघेल को कथित शराब घोटाले से हुई कमाई से हिस्सा मिला था। ED का कहना है कि इस घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ। दूसरी तरफ शराब सिंडिकेट को 2,100 करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ।
इस मामले में ED ने जनवरी में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व IAS अफसर अनिल टुटेजा, इंडियन टेलीकॉम सर्विस (ITS) के अफसर अरुणपति त्रिपाठी समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
ED का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाला 2019 से 2022 के बीच हुआ था, जब भूपेश बघेल मुख्यमंत्री थे और कांग्रेस की सरकार थी। जांच के दौरान ED ने अब तक 205 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर ली है।