दुष्कर्म मामले में उम्रकैद की सजा काटने वाले पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को जेल में पुस्तकालय क्लर्क की जिम्मेदारी सौंपी गई। रेवन्ना कर्नाटक की परप्पना अग्रहारा जेल में बंद है। नई जिम्मेदारी के तहत प्रज्वल को पुस्तकालय में किताबों का हिसाब किताब रखना होगा। मतलब अगर कोई कैदी किताब मांगता है तो उसे उपलब्ध कराना और उधार ली गई किताब को जमा करवाना होगा। हर एक किताब का रिकॉर्ड रखना होगा।
बताया जा रहा है कि प्रज्वल रेवन्ना ने प्रशासनिक को संभालने में अपनी रूचि दिखाई थी। मगर जेल प्रशासन ने उन्हें पु्स्तकालय का काम सौंप दिया। जानकारी के मुताबिक अभी रेवन्ना ने सिर्फ एक दिन काम किया है। अदालत की कार्यवाही में भाग लेने और वकीलों से मिलने की वजह से उनकी मौजूदा जिम्मेदारी अभी सीमित है। आमतौर पर कैदी से महीने में कम से कम 12 दिन काम करने की अपेक्षा की जाती है।
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जेल अधिकारी के मुताबिक, 'उन्हें काम के बदले एक दिन में 522 रुपये मिलेंगे, लेकिन शर्त यह है कि निर्धारित कर्तव्यों को पूरा करना होगा। जेल के नियमों के अनुसार उम्रकैद की सजा काटने वाले कैदियों को किसी न किसी प्रकार का श्रम करना पड़ता है। काम उनके कौशल और इच्छा के आधार पर सौंपा जाता है।'
अगस्त में अदालत ने सुनाई थी सजा
प्रज्वल रेवन्ना कर्नाटक की हासन लोकसभा सीट से पूर्व सांसद है। वह पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते और जेडीएस विधायक एचडी रेवन्ना का बेटा है। अगस्त महीने में अदालत ने रेवन्ना को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। पिछले साल यानी 2024 में रेवन्ना के खिलाफ दुष्कर्म के चार मामले दर्ज किए गए। पहले मामले में अदालत ने रेवन्ना को दोषी ठहराया और उम्रकैद की सजा सुनाई। प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ 48 वर्षीय महिला ने दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था। पीड़िता उनके घर पर काम करती थी।
कोर्ट में ही रो पड़ा था प्रज्वल
सजा सुनाने से पहले अदालत ने रेवन्ना को बोलने का मौका दिया। उसने अदालत से कम से कम सजा देने की अपील की थी। सजा के ऐलान के बाद प्रज्वल कोर्ट में ही फफक-फफक कर रो पड़ा था।
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पेन ड्राइव से खुला था यौन शोषण का मामला
प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन शोषण के मामले पेन ड्राइव से सामने आए थे। हासन में हजारों की संख्या में पेन ड्राइव मिले। इनमें लगभग 2960 वीडियो थे। इसके बाद महिलाओं ने प्रज्वल के खिलाफ मामला दर्ज कराया। 26 अप्रैल को हासन लोकसभा सीट पर मतदान खत्म होने के तुरंत बंद प्रज्वल अपने राजनयिक पासपोर्ट के सहारे जर्मनी भाग गया। 31 मई 2024 को लौटते ही उसे बेंगलुरु इंटरनेशनल एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया।