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जो मर चुका, उसका भी बीमा करवाकर ले लिए पैसे, UP में इंश्योरेंस घोटाला

यूपी पुलिस ने एक गैंग को गिरफ्तार किया है जो गरीब और मर चुके लोगों का बीमा पॉलिसी कराता और करोड़ो रुपये हड़प लेता। यूपी से दिल्ली तक गैंग ने अपना जाल बिछाया हुआ था।

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सांकेतिक तस्वीर, Photo Credit: AI generated Pic

उत्तर प्रदेश के संभल पुलिस ने एक अंतर्राज्यीय फर्जी बीमा पॉलिसी गैंग का भंडाफोड़ किया है, जिसने देशभर में बीमा कंपनियों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी की है। अब तक इस गिरोह के 25 सदस्यों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। इस गैंग का नेटवर्क उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड, बिहार, हरियाणा, गुजरात, दिल्ली, असम, बंगाल और छत्तीसगढ़ तक फैला हुआ था। 

 

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कैसे हुआ खुलासा?

जनवरी 2025 में गुन्नौर थाना क्षेत्र में दो ECO गाड़ियां चोरी हुई थी। पुलिस ने चेकिंग के दौरान एक काली कलर की स्कॉर्पियो और एक ECO गाड़ी को रोकने की कोशिश की। स्कॉर्पियो में सवार 2 युवकों को गिरफ्तार किया गया। एक वाराणसी निवासी ओंकारेश्वर मिश्रा और दूसरा अमरोहा का निवासी अमित है। इनके पास से 11.5 लाख रुपये और 19 डेबिट कार्ड बरामद हुए। ओंकारेश्वर के मोबाइल में 1 लाख से अधिक लोगों के फोटो और हजारों बीमा डॉक्यमेंट्स मिले, जो बड़े फर्जीवाड़े की ओर इशारा कर रहा था।

 

यह एक गैंग था जो बहुत बड़ी धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा है। यह गैंग गरीब, अनपढ़ और गंभीर रूप से बीमार लोगों को निशाना बनाता था। इन व्यक्तियों के आधार, फोटो और अन्य डॉक्युमेंट्स इकट्टा करते थे और आधार कार्ड में मोबाइल नंबर और पता बदलवाकर फर्जी बैंक अकाउंट खोला जाता था। बीमा पॉलिसी 10 से 30 लाख रुपये तक की करवाई जाती थी, जिसका प्रीमियम शुरू में गैंग खुद भरता था। 

 

ग्राम पंचायत सचिवों की मदद से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए जाते थे। बीमा क्लेम के बाद पैसा फर्जी खातों में आता था, जिसे गैंग के सदस्य तुरंत निकाल लेते थे। गैंग ने एक साल के भीतर अलग-अलग बीमा कंपनियों से 31 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की। इसमें SBI लाइफ इंश्योरेंस, PNB मेलटाइफ, ICIC प्रूडेंशियल, केनरा HSBC और इंडिया फर्स्ट है। इस मामले में 25 आरोपी गिरफ्तार हुए है। अन्य की तलाश जारी है। यह गैंग मरे हुए लोगों के नाम पर भी पैसे ऐंठते थे।

 

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पुलिस की कार्रवाई

संभल की एएसपी अनुकृति शर्मा ने बताया कि यह गिरोह पिछले 8 सालों से एक्टिव था और इसका नेटवर्क देशभर में फैला हुआ था। पुलिस ने अस मामले में गहन जांच शुरू कर दी है और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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