हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के प्रोजेक्ट मैनेजर से मारपीट मामले में कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। घटना 30 जून की है। शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में एक पांच मंजिला इमारत सोमवार को भारी बारिश के कारण ढह गई थी। मंत्री ने घटनास्थल का दौरा किया। मारपीट की घटना भी इसी वक्त की है। एनएचएआई के प्रबंधक (तकनीकी) अचल जिंदल की शिकायत पर ढली थाना में मंत्री के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 132, 121(1), 352, 126(2) और 3(5) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उधर, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और दोषियों के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की।
घटना पर हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, 'कल मुझे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय से एक संदेश मिला। मुझे इसकी पूरी जानकारी नहीं है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को घटना की जानकारी दे दी गई है, जो भी कार्रवाई होगी, वह सीएम करेंगे।
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NHAI के चेयरमैन ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के चेयरमैन संतोष कुमार यादव ने घटना के संबंध में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को खत लिखा है। इसमें लिखा, 30 जून को हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने शिमला बाईपास परियोजना के पास भाटाकुफ्फर में एनएचएआई के पीआईयू शिमला के अधिकारियों के साथ मारपीट की। प्राधिकरण के अधिकारियों को गंभीर चोटें आई हैं और बाद में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस मामले की विस्तृत जांच करें और एनएचएआई अधिकारियों के साथ मारपीट के जिम्मेदार सभी लोगों पर कानून के मुताबिक केस चलाया जाए।
गडकरी ने की सीएम से बात
सेंट्रल इंजीनियरिंग सर्विसेज ऑफिसर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा। मंगलवार को गडकरी ने भी हमले पर अपनी प्रतिक्रिया दी और घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि एनएचएआई पीआईयू शिमला के प्रबंधक अचल जिंदल पर हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज मंत्री और उनके सहयोगियों द्वारा किया गया जघन्य हमला अत्यंत निंदनीय है। यह कानून के शासन का अपमान है। अपने आधिकारिक कर्तव्यों का पालन कर रहे एक लोक सेवक पर ऐसा क्रूर हमला न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालता है, बल्कि संस्थागत अखंडता को भी तबाह करता है। मैंने मामले का गंभीर संज्ञान लिया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से बात की और सभी अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। जवाबदेही तय होनी चाहिए और बिना देरी के न्याय मिलना चाहिए।
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क्या है पूरा मामला?
अपनी शिकायत में प्रोजेक्ट मैनेजर अचल जिंदल ने आरोप लगाया कि सोमवार सुबह साढ़े 11 बजे उन्हें शिमला ग्रामीण एसडीएम के दफ्तर बुलाया गया। जहां मीटिंग थी। मगर एसडीएम के कार्यालय पर नहीं होने के कारण मुझे और साइट इंजीनियर योगेश को भट्टाकुफर बुलाया गया। अचल ने बताया कि यहां मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी मौजूद थे। मंत्री ने ढह चुकी पांच मंजिला इमारत के बारे में जानकारी मांगी।
अचल जिंदल के मुताबिक मंत्री को बताया गया कि मकान राष्ट्रीय राजमार्ग के राइट ऑफ वे से लगभग 30 मीटर दूर था। एग्रीमेंट के मुताबिक यह हिमाचल सरकार की अधिसूचना के मुताबिक कार्रवाई में लाई जाएगी। अचल का आरोप है कि इसी बात पर मंत्री भड़क उठे और अभद्र भाषा के साथ गलत व्यवहार किया। एक अन्य कमरे में ले जाकर लोगों के सामने मारपीट की। अचल जिंदल का आरोप है कि घड़े से उनके सिर पर हमला किया गया। बीच बचाव करने पर साइट इंजीनियर योगेश को भी पीटा गया।