मणिपुर में बीते 48 घंटों से जारी भारी बारिश के चलते बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने विकराल रूप ले लिया है। इससे अब तक 3,802 लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 883 घरों को नुकसान पहुंचा है। अधिकारियों के मुताबिक, नदियों का जलस्तर बढ़ने और तटबंध टूटने के कारण राजधानी इंफाल और इंफाल पूर्व जिले के कई क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है।
भारतीय सेना और असम राइफल्स ने 'ऑपरेशन जलराहत-2' के तहत लोगों की मदद के लिए बड़े पैमाने पर राहत और बचाव अभियान चलाया। दूसरे दिन भी यह अभियान जारी रहा और जवानों ने बच्चों और बुजुर्गों समेत 500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया। उन्होंने वांगखेई, हेइंगंग, लामलोंग, खुरई, जेएनआईएमएस और अहलुप जैसे बुरी तरह से डूबे इलाकों से लोगों को बाहर निकाला।
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पूर्वोत्तर राज्यों में तबाही
लगातार हो रही मानसूनी बारिश ने पूर्वोत्तर राज्यों में तबाही मचा दी है। गृह मंत्रालय की अधिकारिक जानकारी के अनुसार, इस भारी बारिश से अब तक कम से कम 26 लोगों की जान जा चुकी है। जगह-जगह भूस्खलन और बाढ़ के हालात बन गए हैं। मणिपुर में पिछले तीन दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे राजधानी इंफाल में जनजीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। शहर के कई इलाकों में पानी भर गया है। हालात को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ की चेतावनी जारी कर दी है और इंफाल नदी के किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है।
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असम राइफल्स और भारतीय सेना का अभियान
सेना ने बाढ़ राहत के लिए बड़ा मोर्चा संभाल लिया है। बचाव कार्यों के लिए खास बोट असॉल्ट यूनिवर्सल टाइप (BAUTs) और सेना की इन्फ्लेटेबल नावों के साथ 10 राहत कैंप लगाए गए हैं। थौबल जिले के लिलोंग इलाके में इरिल नदी की टूटी हुई दीवार की मरम्मत भी सेना के इंजीनियरों ने तेजी से की, ताकि आसपास के इलाकों को और ज्यादा पानी से नुकसान न हो।

जेएनआईएमएस अस्पताल में फंसे मरीजों को बाहर निकालने के लिए भी नावों की मदद ली गई। राहत कैंपों में रह रहे लोगों को करीब 800 पानी की बोतलें और जरूरी सामान पहुंचाया गया है। सेना और असम राइफल्स लगातार स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मिल सके। इस बीच मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश जारी रह सकती है, जिसको देखते हुए प्रशासन और राहत एजेंसियां पूरी तरह सतर्क हैं।