हरियाणा विधानसभा में मंगलवार को जबरदस्त हंगामा हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर अपने रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी देने का आरोप लगा। इसे लेकर बीजेपी विधायक सुनील सांगवान पूर्व कांग्रेस सरकार को जमकर घेरा। विधायक सुनील सांगवान ने कांग्रेस सरकार में रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी देने का आरोप लगाया।
सुनील सांगवान ने विधानसभा में आरोप लगाया, 'भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में उनके भतीजे, उनकी मैडम के भतीजे और तत्कालीन विधायक के भतीजे को इंस्पेक्टर की नौकरी दी गई थी।' हालांकि, जब सांगवान ने यह आरोप लगाया तब भूपेंद्र हुड्डा विधानसभा में मौजूद नहीं थे।
यह मामला 2008 में हुई इंस्पेक्टर भर्ती से जुड़ा था। उस वक्त हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री थे। आरोप है कि इंस्पेक्टर भर्ती में नियमों को ताक पर रखकर चहेतों को नौकरी दी गई।
इंस्पेक्टर भर्ती पर ऐसे हुआ हंगामा
सबसे पहले बीजेपी विधायक ओमप्रकाश यादव ने एक अखबार में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए इस मुद्दे को उठाया। ओमप्रकाश यादव ने कहा, 'ईकोर्ट ने एक फैसला दिया है, जिसमें पता चला है कि 20 इंस्पेक्टर भर्ती किए गए थे। जो बच्चा टॉप था, उसे नौकरी नहीं मिली। फेल बच्चों को पास कर दिया गया। जिनमें तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा का भतीजा भी शामिल था।'
शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने कहा कि इन्हें मिर्ची लग गई है। उन्होंने कहा, 'पढ़े-लिखे युवाओं का भविष्य बर्बाद कर दिया।'
इस पर कांग्रेस ने हंगामा किया और अखबार दिखाने पर आपत्ति जताई। फिर स्पीकर हरविंद्र कल्याण ने कहा कि अखबार कोई नहीं दिखाएगा। तब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, 'विधायक ने अपनी बात रखी है। कल हाईकोर्ट का फैसला आया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उस समय बंदरबांट होती थी।'
सुनील सांगवान ने हुड्डा को घेरा
इंस्पेक्टर भर्ती का मुद्दा उठने के बाद कांग्रेस विधायकों ने हंगामा करते हुए वॉकआउट कर दिया। इसके बाद बीजेपी विधायक सुनील सांगवान ने इंस्पेक्टर भर्ती का मुद्दा उठाते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर निशाना साधा।
सांगवान ने कहा, 'मेरे पिता थानेदार की भर्ती के लिए एक कार्यकर्ता की पर्ची लेकर गए थे। तब भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कोई भाई-भतीजा हो तो बताओ, नहीं तो नहीं लगेगा। भाई-भतीजा तो कोई था नहीं। गरीब कार्यर्ता था। तो सारे भतीजे इनके लगे। वह चाहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा भतीजा हो। चाहे इनकी मैडम का भतीजा हो। चाहे एक विधायक का भतीजा लगा हो। सारे के सारे रिश्तेदार थे इनके। अब ये भाग गए, क्योंकि उनमें सच्चाई सुनने की हिम्मत नहीं है।'
मुख्यमंत्री सैनी ने क्या कहा?
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भी इस मुद्दे पर कांग्रेस को घेरा। सीएम सैनी ने कहा, 'कांग्रेस सरकार के समय 2008 में इंस्पेक्टर भर्ती में युवाओं के साथ अन्याय हुआ, जो चिंता का विषय है। हाईकोर्ट ने उस समय अपनाई गई भर्ती प्रक्रिया पर चिंता जाहिर की है। किस तरह टॉप पर रहे उम्मीदवार को दरकिनार किया गया और दूसरों को भर्ती किया गया।'
मुख्यमंत्री सैनी ने आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने युवाओं का बहकाने का काम किया। उन्हें लालच देने की कोशिश की कि 50 वोट दो और एक नौकरी पक्की करो।