हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री और सात बार के बीजेपी विधायक अनिल विज को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। विज पिछले काफी समय से पार्टी नेतृत्व से नाराज चल रहे थे। वह मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश नेतृत्व पर लगातार आरोप लगाते हुए बयानबाजियां कर रहे थे।
बीजेपी ने कहा है कि अनिल विज चुनाव के समय मुख्यमंत्री और पार्टी के खिलाफ बयान दे रहे थे, जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है। हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने यह नोटिस राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के कहने पर जारी किया है।
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आंतरिक अनुशासन के खिलाफ है बयान
नोटिस में कहा गया है कि अनिल विज ने हाल ही में पार्टी के अध्यक्ष और पार्टी के मुख्यमंत्री पद के खिलाफ सार्वजनिक रूप से बयान दिए हैं। यह गंभीर आरोप हैं और यह पार्टी की नीति तथा आंतरिक अनुशासन के खिलाफ है।
बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान हुआ
प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने लेटर में कहा,'आपका यह कदम न केवल पार्टी के विचारधारा के खिलाफ है, बल्कि यह उस समय पर हुआ है जब पार्टी पड़ोसी राज्य में चुनावों के लिए अभियान चला रही थी। चुनावी समय में, एक सम्मानित मंत्रिपद वहन करते हुए। इस प्रकार की बयानबाजी से पार्टी की छवि को नुकसान होगा यह जानते हुए आपने ये बयान दिए है और यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है।
लेटर में आगे कहा गया है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा के निर्देश के अनुसार अनिल विज को कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। इसमे विज से 3 दिन में अपना लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।
अनिल विज ने क्या कहा था?
अनिल विज ने 31 जनवरी को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी पर हमला करते हुए कहा था कि हमारे मुख्यमंत्री कभी भी अपने उड़ते हुए रथ से नीचे नहीं उतरते। जिस दिन से वे सीएम बने हैं, वे हवा में ही रहते हैं। अगर वे नीचे उतरते तो जनता की पीड़ा सुनते। यह सिर्फ़ मेरी आवाज नहीं है, यह सभी विधायकों, सभी सांसदों और सभी मंत्रियों की आवाज है।
उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकारी अधिकारी उनके आदेशों का पालन नहीं कर रहे हैं। उन्होंने इस बार को लेकर सार्वजनिक तौर पर निराशा जताई थी। साथ ही उन्होंने अपनी ही पार्टी बीजेपी को धमकी देते हुए कहा था कि जरूरत पड़ी तो वह किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की तरह आमरण अनशन करने के लिए तैयार हैं।