हरियाणा राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण में चेयरमैन और दो सदस्यों के पद पर नियुक्ति के लिए रिटायर्ड अफसरों में लॉबिंग तेज हो गई है। इस पद के लिए रिटायर्ड मुख्य सचिव और डी.जी.पी. से लेकर ए.सी.एस. और हाईकोर्ट के पूर्व जज तक शामिल हैं। प्राधिकरण में जल्द नियुक्ति को लेकर मंगलवार को मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी की अध्यक्षता में सेलेक्शन कमेटी की बैठक हुई जिसमें गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा और महाधिवक्ता परविंद्र सिंह सहित कई अफसर मौजूद थे। कमेटी की बैठक में चेयरमैन और सदस्यों के लिए आवेदन करने वाले दावेदारों के नाम पर विचार किया गया।
वैसे तो प्राधिकरण में तैनात चेयरमैन और सदस्यों का कार्यकाल करीब डेढ़ वर्ष पहले ही खत्म हो चुका है लेकिन उन्हें सरकार की ओर से अगले आदेशों तक काम करने के आदेश जारी किए गए थे। लिहाजा मौजूदा समय में अभी भी चेयरपर्सन रिटायर्ड आई.ए.एस. नवराज संधू और सदस्य के तौर पर रिटायर्ड डी.जी.पी. के.के. मिश्रा और पूर्व आई.ए.एस. आर.सी. वर्मा काम देख रहे हैं। जहां नई नियुक्ति के बाद ही इनका कार्यकाल खत्म होगा। सूत्रों की माने तो अगले दो दिनों में मुख्यमंत्री की ओर से चेयरमैन और दो सदस्य पदों के लिए नाम फाइनल कर लिए जाएंगे।
तीन पद के लिए 100 से ज्यादा आवेदन
हरियाणा पुलिस शिकायत प्राधिकरण में चेयरमैन और 2 सदस्यों के लिए 100 से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है। इसमें चेयरमैन पद के लिए पूर्व पूर्व आई.ए.एस. और मौजूदा चेयरपर्सन नवराज संधू, पूर्व मुख्य सचिव विजय वर्धन और पूर्व आई.ए.एस. आलोक निगम मुख्य है। इसके अलावा पूर्व जस्टिस दर्शन सिंह का नाम भी है। सूत्रों की माने तो तीन वरिष्ठ रिटायर्ड आई.ए.एस. अफसरों के बीच ही लॉबिंग चल रही है।
हालांकि, विजय वर्धन पहले ही मुख्य सूचना आयुक्त पद से रिटायर्ड हो चुके हैं। वहीं नवराज संधू मौजूदा समय में प्राधिकरण की चेयरपर्सन हैं। इन तीनों में आलोक निगम अकेले ऐसे रिटायर्ड अफसर हैं जिन्हें अब तक कहीं मौका नहीं मिल सका है लेकिन चर्चाओं की मानें तो सरकार नवराज संधू को दोबारा मौका दे सकती है।
वहीं, पुलिस के रिटायर्ड अफसरों के लिए आरक्षित सदस्य पद के लिए पूर्व डी.जी. डॉ. आर.सी. मिश्रा और डी.जी. जेल आलोक कुमार राय का नाम सबसे आगे है। जबकि दूसरे सदस्य पद के लिए कुछ रिटायर्ड आई.ए.एस. के अलावा वकील और अन्य सामाजिक लोगों ने आवेदन किया है।
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चेयरमैन और सदस्यों का कितना कार्यकाल?
हरियाणा पुलिस शिकायत प्राधिकरण में चेयरमैन और सदस्यों की उम्र सीमा 70 वर्ष तय की गई है। लेकिन कार्यकाल सिर्फ 3 वर्ष का ही निर्धारित किया गया है। वैसे तो प्राधिकरण का गठन 28 मई 2008 को हुआ था। लेकिन लंबे समय तक प्राधिकरण को कोई पावर नहीं दी गई।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद वर्ष 2021 में तत्कालीन मनोहर लाल खट्टर सरकार ने नए सिरे से प्राधिकरण का गठन किया जिसमें चेयरपर्सन के अलावा दो सदस्यों की नियुक्ति की गई। पिछले चार वर्षों से प्राधिकरण में पुलिस से परेशान लोगों की शिकायतों का निवारण हो रहा है।