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आर्टिफिशियल तालाब बनाकर करें मूर्ति विसर्जन, हाई कोर्ट ने दिया आदेश

महाराष्ट्र में गणपति विसर्जन शुरू होने से पहले ही हाई कोर्ट का आदेश आ गया है कि 6 फीट से छोटी मूर्तियां आर्टिफिशियल तालाब में ही विसर्जित की जाएंगी, समुद्र में नहीं।

Ganapati

गणपति की मूर्ति, Photo Credit: PTI

बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को गणपति विसर्जन को लेकर एक आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने कहा है कि 27 अगस्त से शुरू होने वाले 10 दिन के गणेश उत्सव सहित अगले साल मार्च तक सभी उत्सवों में 6 फीट तक की मूर्तियों को आर्टिफिशियल टैंक में विसर्जित किया जाए। कोर्ट के इस आदेश के बाद गणपति मंडलों की बड़ी मूर्तियों को पारंपरिक रूप से समुद्र में विसर्जित करने का रास्ता साफ हो गया है।

 

मुख्य न्यायाधीश अलोक अराधे और जस्टिस संदीप मार्ने की बेंच ने कहा, 'मूर्ति विसर्जन का असर हमारे पर्यावरण पर कम से कम होना चाहिए। इसलिए 6 फीट तक की मूर्तियों का विसर्जन पानी के आर्टिफिशयल टैंकों में करना होगा।' कोर्ट ने अपने आदेश में राज्य सरकार से कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करे की मूर्ति विसर्जन को लेकर कोर्ट के आदेशों का सख्ती से पालन हो।

 

यह नियम प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) से बनी मूर्तियों पर भी लागू होगा और यह आदेश अगले साल मार्च तक उन सभी त्योहारों पर लागू होगा जिनमें मूर्ति विसर्जन किया जाता है।

 

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राज्य सरकार को कमेटी बनाने के निर्देश

बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को एक कमेटी बनाने के लिए भी कहा है। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मूर्तियों के विसर्जन से पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर चिंता जाहिर की और सरकार को एक्सपर्ट्स की एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि यह कमेटी सरकार को मूर्तियों के विसर्जन से पर्यावरण को होने वाले नुकसानों को कम करने का सुझाव देगी। 

 

कमेटी इस बात का पता लगाएगी कि मूर्तियों में जिस सामान का उपयोग हुआ है, उसे किस तरह से रीसाइकिल किया जा सकता है। कोर्ट ने यह फैसला उन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए दिया है जिनमें मांग की गई थी कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के POP की मूर्तियों से संबंधित दिशा-निर्देशों को महाराष्ट्र में भी लागू किया जाए।

समुद्र में विसर्जित होंगी बड़ी मूर्तियां

कोर्ट ने 6 फीट तक की मूर्तियों को आर्टिफिशयल टैंकों में विसर्जित करने का आदेश दिया है। 6 फीट से ज्यादा बड़ी मूर्तियों को समुद्र में विसर्जित किया जा सकता है। सरकार ने हाई कोर्ट में एक हलफनामा देकर कहा था कि सार्वजनिक गणेशोत्सव में बड़ी मूर्तियों को पर्यावरण से जुड़ी सावधानियों के साथ पारंपरिक तरीके से समुद्र में विसर्जित किया जाएगा। अब कोर्ट के आदेश के बाद बड़ी मूर्तियों को समुद्र में विसर्जित करने का रास्ता साफ हो गया है।

 

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सरकार ने दायर किया था हलफनामा

बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा था। सरकार ने एक हलफनामा दायर किया था जिसमें सरकार ने कहा था कि वह घरेलू गणपति की मूर्ति को आर्टिफिशियल तालाबों में ही विसर्जित करने की अनुमति देगी। सरकार ने इसी हलफनामे में कहा था कि 100 साल से ज्यादा पुरानी परंपरा को ध्यान में रखते हुए गणेशोत्सव मंडलों की मूर्तियों को पारंपरिक तरीके से समुद्र में विसर्जित किया जाएगा।

महाराष्ट्र राज्य महोत्सव

इसी महीने 10 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार ने गणेशोत्सव को राज्य महोत्सव का दर्जा देने की घोषणा की थी। महाराष्ट्र के संस्कृतिक मामलों के मंत्री आशीष शेलार ने विधानसभा में घोषणा की थी कि सार्वजनिक गणेशोत्सव को राज्य उत्सव का दर्जा दिया जाएगा। यह फैसला महाराष्ट्र की सांस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए लिया गया है। राज्य उत्सव घोषित किए जाने के बाद अब सार्वजनिक गणेशोत्सव के लिए राज्य सरकार आर्थिक सहायता देगी।

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