logo

ट्रेंडिंग:

हिमाचल में सुक्खू सरकार ने क्यों टाला 4% DA का फैसला?

हिमाचल की सुक्खू सरकार ने 4 फीसदी डीए को स्थगित कर दिया है। इससे प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स पर असर पड़ेगा। सरकार ने अक्तूबर में ही 4 फीसदी डीए का ऐलान किया था।

sukhvinder singh sukhu

हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू। (फोटो- X@SukhuSukhvinder)

हिमाचल सरकार पर का आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने अक्तूबर में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए 4% डीए बढ़ाने का ऐलान किया था। ये डीए 1 जनवरी 2023 से मिलना था लेकिन अब सरकार ने इसे टाल दिया है। इससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स पर असर पड़ेगा।

 

बताया जा रहा है कि सुक्खू सरकार ने आर्थिक संकट के कारण 4% डीए के भुगतान को स्थगित कर दिया है। ऐसे में सरकारी कर्मचारी, खासकर पेंशनर्स की परेशानी बढ़ गई है। पेंशनर्स पहले ही पुरानी पेंशन के लिए परेशान थे लेकिन अब डीए का भुगतान भी नहीं हो रहा है।

एरियर के साथ मिलना था डीए

11 अक्तूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने 4% डीए का ऐलान किया था। सरकार का ये फैसला 1 जनवरी 2023 से लागू हुआ था। सीएम ने ऐलान किया था कि सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स को एरियर के साथ डीए का भुगतान किया जाएगा। सरकार के इस फैसले से 1.80 लाख कर्मचारी और 1.70 लाख पेंशनर्स को लाभ होना था। इससे सरकार पर 600 करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान था। 

आर्थिक संकट से जूझ रहा हिमाचल

हिमाचल सरकार गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रही है। सरकार पर कर्ज बढ़ता जा रहा है। रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2024 तक सरकार पर 86,600 करोड़ रुपये का कर्ज था। मार्च 2025 तक यह कर्ज बढ़कर 95 हजार करोड़ रुपये होने का अनुमान है। 

क्यों बढ़ रहा है कर्ज?

2022 के चुनाव में सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ने कई वादे किए थे। सत्ता में आने के बाद इन वादों को पूरा करने के लिए सरकार को बेतहाशा खर्च करना पड़ा। 

 

सुक्खू सरकार महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये देती है। इस योजना पर सालाना 800 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। ओल्ड पेंशन स्कीम भी लागू कर दी गई है, जिससे लगभग 1 हजार करोड़ रुपये का खर्च बढ़ा है। इसके अलावा, फ्री बिजली पर सालाना 18 हजार करोड़ रुपये खर्च होता है।

 

हिमाचल सरकार के बजट की मानें तो सरकार का 40 फीसदी खर्च सैलरी और पेंशन पर खर्च हो जाता है। जबकि, 20 फीसदी खर्च कर्ज का ब्याज चुकाने में होता है। 

आरबीआई की रिपोर्ट बताती है कि हिमाचल पर 5 साल में 30 हजार करोड़ रुपये का कर्ज बढ़ा है। हिमाचल में हर व्यक्ति पर 1.17 लाख रुपये का कर्ज है।

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap