कोटा के श्रीराम नगर में ICICI बैंक की DCM शाखा में एक चौंकाने वाली धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। पूर्व रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता ने 4.58 करोड़ रुपये की हेराफेरी कर 41 ग्राहकों के 110 से अधिक खातों को निशाना बनाया। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, बल्कि दो साल से ज्यादा समय तक चली एक सुनियोजित साजिश है। साक्षी ने फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़ने, अनधिकृत लेनदेन करने और ग्राहकों के मोबाइल नंबर बदलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया। उसने चुराए गए पैसे को शेयर बाजार में निवेश किया, जिससे भारी नुकसान हुआ। पुलिस ने 31 मई 2025 को साक्षी को उद्योग नगर थाने में गिरफ्तार किया।
18 फरवरी को बैंक की आंतरिक जांच में इस फ्रॉड का पता चला। साक्षी ने ग्राहकों के खातों से पैसे निकालकर अपने परिवार के सदस्यों के खातों में ट्रांसफर किए। उसने डेबिट कार्ड, पिन और ओटीपी का दुरुपयोग कर ऑनलाइन और ATM लेनदेन किए। इसके अलावा, उसने 40 खातों में ओवरड्राफ्ट सुविधा शुरू की और 31 ग्राहकों के फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़कर 1.34 करोड़ रुपये दूसरी जगह भेजे। उसने 3.4 लाख का फर्जी पर्सनल लोन भी पास करवाया। इस धोखाधड़ी को छिपाने के लिए उसने इंस्टा कियोस्क मशीनों और डिजिटल बैंकिंग का इस्तेमाल किया। बैंक मैनेजर तरुण दधीच की शिकायत के बाद ऑडिट और पुलिस जांच शुरू हुई। ICICI बैंक ने प्रभावित ग्राहकों के क्लेम को सेटल करने भरोसा दिलाया है।
यह भी पढ़ेंः RBI ने 5 महीने में तीसरी बार घटाया रेपो रेट, EMI पर ऐसे दिखेगा असर
कैसे हुआ यह फ्रॉड?
-
साक्षी ने 41 ग्राहकों के 110 से अधिक खातों में बिना अनुमति के ऐक्सेस हासिल किया और कई गैरकानूनी लेनदेन किए।
-
उसने चुराए गए पैसों को शेयर बाजार में निवेश किया, जिससे भारी नुकसान हुआ।
-
साक्षी ने खातों के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर को अपने परिवार के नंबरों से बदल दिया, ताकि ग्राहकों को लेनदेन की जानकारी या OTP न मिले।
-
उसने 40 खातों में बिना अनुमति के ओवरड्राफ्ट सुविधा शुरू की।
-
31 ग्राहकों के फिक्स्ड डिपॉजिट तोड़कर 1.34 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए।
-
साक्षी ने डेबिट कार्ड, पिन और OTP का इस्तेमाल कर ऑनलाइन और ATM से लेनदेन किए।
-
उसने 3.4 लाख रुपये का फर्जी पर्सनल लोन भी पास किया।
-
उसने इंस्टा कियोस्क मशीन और डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म का उपयोग फर्जी लेनदेन के लिए किया।
-
चुराए गए पैसे कई डिमैट खातों में डाले गए, ताकि पैसों का पता न लगे।
-
साक्षी ने एक बुजुर्ग महिला के खाते का इस्तेमाल पूल अकाउंट के रूप में किया, जिसमें फरवरी 2023 तक 3 करोड़ रुपये से ज्यादा ट्रांसफर किए गए।
कैसे पकड़ा गया फ्रॉड?
बैंक मैनेजर तरुण दधीच ने अनियमितताएं देखकर शिकायत दर्ज की, जिसके बाद बैंक ने इंटरनल इन्क्वॉयरी शुरू की। जांच में साक्षी गुप्ता मुख्य आरोपी निकली। इसके बाद कोटा पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और साक्षी को गिरफ्तार किया। एक दिन की पुलिस हिरासत के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस अब अन्य संभावित सहयोगियों की जांच कर रही है और बैंक से जरूरी दस्तावेज मांगे गए हैं।
क्या बोला बैंक?
ICICI बैंक के एक रिप्रेजेंटेटिव ने कहा, ‘हमारे ग्राहकों का हित सबसे महत्वपूर्ण है। जैसे ही हमें धोखाधड़ी का पता चला, हमने पुलिस में FIR दर्ज की। हमारी फ्रॉड के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है, इसलिए आरोपी कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया। प्रभावित ग्राहकों के वैध दावों का निपटारा कर दिया गया है।’
पुलिस का कहना है कि जांच अभी जारी है और इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।