हरियाणा में संगठन निर्माण के लिए आ रहे राहुल गांधी के सामने ही आज चंडीगढ़ में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक तंवर का आमना-सामना होगा। अशोक तंवर वही नेता हैं जिन्होंने यह कहकर कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी कि हरियाणा में कुछ लोग कांग्रेस को खुद की पार्टी की तरह चलाते हैं। कभी हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष रहे अशोक तंवर पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) और आम आदमी पार्टी में होते हुए फिर से कांग्रेस में लौट आए हैं। अशोक तंवर का यह चक्र पूरा हो जाने के बावजूद हरियाणा कांग्रेस के सामने सवाल वही है कि गुटबाजी खत्म कैसे होगी। नेता प्रतिपक्ष के पद से लेकर संगठन निर्माण तक, तमाम ऐसे उलझे मुद्दे हैं जिन्हें गुटबाजी ने और उलझा रखा है। यही वजह है कि चुनाव के 6 महीने बाद भी हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष नहीं मिल पाया है।
अलग-अलग राज्यों में जाकर कांग्रेस के संगठन में जान फूंकने की कोशिश कर रहे राहुल गांधी हरियाणा आएंगे तो उनका प्रमुख उद्देश्य गुटबाजी खत्म करना ही होगा। ऐसी ही कोशिशें वह गुजरात और मध्य प्रदेश में भी कर चुके हैं। हालांकि, हरियाणा में राहुल गांधी के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा बनामा अन्य गुट का मामला सुलझाना टेढ़ी खीर साबित हुआ है। आज की इस मीटिंग में हुड्डा के कई विरोधी उनके सामने होंगे। इनमें बीरेंद्र चौधरी का नाम भी शामिल है। हालांकि, कुछ विरोधी कम भी हुए हैं। हुड्डा के धुर विरोधियों में से एक रहीं किरण चौधरी इस मीटिंग में नहीं होंगी क्योंकि अब वह बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं। वहीं, कुमारी शैलजा इस बैठक में इस वजह से नहीं आएंगी क्योंकि इस मीटिंग में विधायकों और सांसदों को नहीं बुलाया गया है। इस बैठक में कैप्टन अजय यादव का प्रतिनिधित्व उनके बेटे चिरंजीव राव करेंगे। इस बैठक में रणदीप सुरजेवाला भी शामिल रहेंगे।
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कुल मिलाकर राहुल गांधी हरियाणा कांग्रेस की पूरी टीम को साथ लेकर नजर आएंगे। इस बैठक में क्या नतीजा निकलता है यह देखने की बात होगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि अशोक तंवर और बीरेंद्र चौधरी इस मीटिंग में हुड्डा खेमे के खिलाफ मुखर हो सकते हैं। ये दोनों ही नेता पूर्व में कई बार हुड्डा और उनके काम करने के तरीके को लेकर सवाल उठा चुके हैं। वहीं, रणदीप सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और किरण चौधरी ने तो अघोषित ही सही लेकिन एक SRK ग्रुप भी बना लिया था। हालांकि, यह ग्रुप तब टूट गया था जब किरण चौधरी कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गई थीं।
खत्म हो पाएगी हुड्डा और अशोक तंवर की अदावत?
2019 के विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र हुड्डा और अशोक तंवर के बीच जमकर खींचतान हुई थी। टिकट के वितरण को लेकर दोनों नेताओं में जमकर टकराव हुआ था। अशोक तंवर प्रदेश अध्यक्ष थे और वह अपनी पंसद से टिकट देना चाहते थे लेकिन भूपेंद्र हुड्डा ने अपने समर्थकों को टिकट दिलवाने के लिए पूरा जोर लगा दिया था। यह मुफालफत सार्वजनिक मंचों से लेकर कांग्रेस की बैठकों में भी सामने आने लगी थी। अब राहुल गांधी पार्टी को एकजुट रहने का संदेश तो देने जा रहे हैं लेकिन अलग-अलग गुटों के नेता पुरानी मुखालफत कैसे भूलेंगे और एकजुटता की यह बात लागू कैसे होगी, यह देखने वाली बात होगी।
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क्या है राहुल गांधी का प्लान?
चंडीगढ़ में हरियाणा कांग्रेस के नेताओं से मिलने पहुंच रहे राहुल गांधी से मुलाकात के लिए भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उधयभान और कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज पहले ही चंडीगढ़ में मौजूद हैं। 'संगठन सृजन अभियान' के तहत हो रही यह बैठक हरियाणा कांग्रेस भवन में होगी।
राहुल गांधी सबसे पहले हरियाणा के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इसके बाद AICC और HPCC ऑब्ज़र्वर के साथ एक अलग बैठक करेंगे। कांग्रेस के संगठन निर्माण को ध्यान में रखते हुए यह मीटिंग बेहद अहम मानी जा रही है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक के बाद हरियाणा के अलग-अलग जिलों के अध्यक्षों की लिस्ट इसी महीने जारी की जा सकती है। चर्चाएं हैं कि राहुल गांधी 50 वर्ष से कम उम्र के नेताओं को जिलाध्यक्ष का पद देना चाहते हैं।