किश्तवाड़: अब तक 46 लोगों की मौत, 100 से ज्यादा घायल, रेस्क्यू जारी
राज्य
• KISHTWAR 14 Aug 2025, (अपडेटेड 14 Aug 2025, 9:20 PM IST)
किश्तवाड़ में बादल फटने की वजह से हुए हादसे में अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में सेना भी सहायता कर रही है।

घायल लोगों को रेस्क्यू करते हुए : Photo Credit: PTI
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में जिले के पड्डर सब-डिवीज़न के चशोती गांव में बादल फटने की वजह से अब तक 38 लोगों की मौत हो चुकी है, 100 लोग घायल हुए हैं और करीब 120 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ सेना भी रेस्क्यू ऑपरेशन में सहायता कर रही है। किश्तवाड़ के पुलिस कंट्रोल रूम के अधिकारियों के मुताबिक अब त 46 लाशों को रिकवर किया जा चुका है। माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या और भी ज्यादा बढ़ सकती है।
चशोती से ही मचैल माता के लिए यात्रा शुरू होती है और यह अंतिम गांव है जहां पर किसी गाड़ी के जरिए पहुंचा जा सकता है, यहां से आगे पैदल ही जाना होता है। बादल फटने की वजह से अब इस यात्रा को कैंसिल कर दिया गया है।
दिन के वक्त दुर्घटना के बाद रेस्क्यू टीम को वहां तक पहुंचने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा क्योंकि बादल फटने की वजह से रास्ते टूट गए थे और बंद हो गए थे। गांव में आबादी भी काफी थी जिसकी वजह से मरने वालों की संख्या भी ज्यादा हो सकती है। साथ ही काफी संख्या में लोग वहां मचैल माता यात्रा के लिए इकट्ठा भी हुए थे। पिछले 15 दिनों में पुंछ, राजौरी और डोडा जैसे इलाकों में भारी बारिश हो रही है, जिसकी वजह से स्थिति और भी ज्यादा खराब है। रास्ते बंद होने के नाते रेस्क्यू टीम को हेलीकॉप्टर से वहां पहुंचाने की कोशिश की गई और मेडिकल टीम को तैयार किया गया है।
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प्रधानमंत्री ने इस पर दुख जताते हुए एक्स पर लिखा स्थिति पर हम बारीकी से नजर बनाए हुए हैं, रेस्क्यू और बचाव कार्य किया जा रहा है।
My thoughts and prayers are with all those affected by the cloudburst and flooding in Kishtwar, Jammu and Kashmir. The situation is being monitored closely. Rescue and relief operations are underway. Every possible assistance will be provided to those in need.
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2025
सीएम ने रद्द किया प्रोग्राम
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वह जिला प्रशासन के साथ संपर्क बनाए हुए हैं और सभी तरह के उपाय किए जा रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर उनके घर पर होने वाले सांस्कृतिक प्रोग्राम को भी रद्द कर दिया है।
In light of the tragedy caused by the cloud burst in Kishtwar I have taken the decision to cancel the “At Home” tea party tomorrow evening. We have also decided not to go ahead with the cultural events during the morning Independence Day celebrations. The formal events - speech,…
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) August 14, 2025
रेस्क्यू टीम भेजी गई
घटना के बारे में पता चलते ही तुरंत मौके पर रेस्क्यू टीम को रवाना किया गया। जम्मू-कश्मीर के एलजी ने लिखा, 'चशोती में हुए बादल फटने की घटना से काफी दुखी हूं। घायल लोगों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए घायल लोगों के जल्दी रिकवरी की कामना करता हूं।' एलजी ने लिखा कि पुलिस, आर्मी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए निर्देश दे दिए गए हैं और कहा गया है कि जो लोग भी प्रभावित हुए हैं उनकी हर संभव मदद की जाए।
Anguished by cloudburst in Chositi Kishtwar. Condolences to bereaved families & prayers for quick recovery of injured. Directed Civil, Police, Army, NDRF & SDRF officials to strengthen the rescue & relief operations and ensure all possible assistance is provided to the affected.
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) August 14, 2025
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर पंकज कुमार शर्मा से बात की और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंच गई है। लोगों के लिए मेडिकल टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है।
Just now spoke to DC Kishtwar Sh Pankaj Kumar Sharma after receiving an urgent message from LoP #JammuAndKashmir and local MLA Sh Sunil Kumar Sharma.
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) August 14, 2025
Massive cloud burst in Chositi area, which could result in substantial casualty. Administration has immediately swung into…
हिमाचल में भी तबाही
हिमाचल में भी बादल फटने की वजह से कई जिले प्रभावित हुए हैं और लगभग 396 सड़कों को बंद करना पड़ा और ट्रैफिक को दूसरी तरफ मोड़ना पड़ा। घर तबाह हो गए हैं और वाहन बह गए हैं। स्थानीय प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी किया है और लोगो के लिए 20 अगस्त तक के लिए चेतावनी जारी की गई है।
किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
Breaking...
— Komal Singh Manhas | News 18 (@KomalSinghN18) August 14, 2025
Cloudburst at Chishoti village of Padder Sub Division in J&K’s Kishtwar enroute to Machail Matta Yatra, casualties feared — Further Detail Awaited. #Cloudburst #paddar #machailyatra @DICKishtwar @dckishtwar @SSPKishtwar pic.twitter.com/zhWLN7LTp4
10 feared dead as massive cloudburst hits Kishtwar’s Chishoti on Machail Mata Yatra route#kishtwar #machailmatayatra pic.twitter.com/kVSl7lIuAk
— Kashmir Outlook (@kashmiroutlook1) August 14, 2025
उत्तराखंड में भी स्थिति खराब
कुछ दिन पहले उत्तराखंड के धराली में भी बादल फटने की घटना हुई थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई और काफी लोग घायल हो गए थे। इस घटना में पूरा का पूरा गांव बह गया था और भारी तबाही देखने को मिली थी।
बारिश ने इस वक्त हिमाचल और उत्तराखंड से लेकर मैदानी इलाकों में भी तबाही मचा रखी है। गंगा सहित तमाम नदियां उफान पर हैं। यूपी के प्रयागराज और वाराणसी में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।
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क्या है मचैल माता यात्रा?
मचैल माता मंदिर जम्मू किश्तवाड़ जिले के मचैल में स्थित देवी माता का एक मंदिर है। मंदिर का इतिहास जोरावर सिंह कहलूरिया कि विजय से जुड़ा हुआ है जिन्होंने 1834 में लद्दाख के स्थानीय बोटिस की सेना को हराने के लिए 5000 सैनिकों के साथ पहाड़ों और सुरू नदी (सिंधु) को पार करने से पहले मचैल माता का आशीर्वाद लिया था। सफल अभियान के बाद वे माता के भक्त बन गए। मचैल माता स्थान, जैसा कि मंदिर के नाम से लोकप्रिय है, पहाड़ियों, ग्लेशियरों और चिनाब नदी (चंद्रभागा) की सहायक नदियों के क्षेत्र के बीच बसा हुआ है।
यह क्षेत्र भोट समुदाय और ठाकुर समुदाय का निवास स्थान है, जो नाग पूजक हैं। हर साल हज़ारों लोग, खासकर जम्मू क्षेत्र से, इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यह तीर्थयात्रा हर साल अगस्त के महीने में ही होती है।
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