झारखंड सरकार ने राज्य में सिगरेट और तंबाकू पर सख्ती बढ़ा दी है। अब अगर कोई सार्वजनिक जगह पर सिगरेट पीता या तंबाकू थूकता पकड़ा गया, तो उस पर 1000 रुपये का जुर्माना लगेगा। इस नए नियम को लागू करने के लिए झारखंड सरकार ने 'सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2021' बनाया था, जिसे अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी मिल गई है।
झारखंड सरकार के नए कानून के तहत सार्वजनिक जगहों पर तंबाकू के इस्तेमाल को लेकर कई बड़े बदलाव किए गए हैं। अब सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने पर 200 की बजाय 1000 रुपये का जुर्माना लगेगा। तंबाकू उत्पाद खरीदने की न्यूनतम उम्र को भी 18 से बढ़ाकर 21 साल कर दिया गया है, यानी अब 21 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति तंबाकू नहीं खरीद सकेगा।
इसके साथ ही दुकानदारों को खुली सिगरेट बेचने पर रोक लगा दी गई है, चाहे ग्राहक किसी भी उम्र का हो। स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, न्यायालय और सरकारी दफ्तरों से 100 मीटर के दायरे में तंबाकू बेचना और उसका सेवन करना पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इतना ही नहीं, तंबाकू के 'उपयोग' की परिभाषा भी बदली गई है। अब सिर्फ धूम्रपान ही नहीं, बल्कि गुटखा या पान थूकना भी कानून के दायरे में अपराध माना जाएगा।
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कानून तोड़ा तो क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति इन नए नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर सख्त कार्रवाई की जा सकती है। सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीते या तंबाकू थूकते पकड़े जाने पर 1000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना पहले के मुकाबले पांच गुना ज्यादा है, जो यह दर्शाता है कि सरकार इस नियम को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
इसके अलावा, अगर मामला गंभीर हुआ या व्यक्ति बार-बार ऐसा करता पाया गया, तो जरूरत पड़ने पर उसे जेल की सजा भी हो सकती है। यानी अब यह सिर्फ एक मामूली गलती नहीं मानी जाएगी, बल्कि इसे कानून का उल्लंघन समझकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकार का साफ संदेश है कि सार्वजनिक जगहों पर गंदगी और दूसरों की सेहत से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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सरकार का इरादा साफ है
झारखंड सरकार इस नए कानून को सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रखना चाहती, बल्कि इसे जमीन पर सख्ती से लागू करने के मूड में है। सरकार का साफ मकसद है कि लोगों की सेहत को तंबाकू और धुएं से होने वाले नुकसान से बचाया जाए और सार्वजनिक स्थानों पर साफ-सफाई और स्वच्छ माहौल सुनिश्चित किया जा सके। इसके जरिए न केवल बीमारियों पर लगाम लगेगी, बल्कि समाज में एक जिम्मेदार व्यवहार की भावना भी विकसित होगी।