झारखंड के खूंटी जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां महीनों पहले टूटे पुल की समय से मरम्मत न होने पर स्थानीय लोगों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन किया है। यह पुल बनई नदी पर बना था। पुल टूटने की वजह से आसपास के गांव के लोगों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह पुल जून के महीने में भारी बारिश की वजह से टूटा था। तब से लेकर अब तक इसकी मरम्मत नहीं हो पाई है।
यह पुल मुरहू प्रखंड में स्थित है। पुल की मरम्मत समय से न होने पर गांव के लोगों ने केक काटकर शांति पूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन किया है। पुल 19 जून को टूटा था। पुल टूटने की वजह से पिछले दो महीनों से स्कूल जाने वाले बच्चों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यह पुल खूंटी-तार्पा-कोलेबीरा सड़क पर स्थित है। पुल रांची से मात्र 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।
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अभी तक किसी ने नहीं की निगरानी
मुरहू प्रखंड के सामाजिक कार्यकर्ता बा सिंह हासा ने कहा, 'दो महीने बीत चुके हैं लेकिन न तो मरम्मत कार्य शुरू हुआ है और न ही कोई अस्थायी वैकल्पिक रास्ता बनाया गया है।' जून महीने में इस पुल से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था, जिसमें स्कूली बच्चे 25 फुट ऊंची बांस की सीढ़ी चढ़कर स्कूल जाते दिखे थे। इसके बाद प्रशासन ने हस्तक्षेप करते हुए जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था करने का आश्वासन भी दिया था लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि अब तक कोई ठोस काम नहीं हुआ है।
ग्राम प्रधान ने बताई सच्चाई
पेलोल ग्राम प्रधान शंकर तिर्की ने बताया कि प्रशासन की कार्रवाई से बचने के लिए ग्रामीणों ने शांतिपूर्ण और सांकेतिक विरोध करने का रास्ता चुना है। उन्होंने कहा, 'हमने परंपरागत सड़क जाम के बजाय एक रचनात्मक और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना बेहतर समझा।' ग्राम प्रधान तिर्की ने कहा, 'सरकार की ओर से इस अहम बुनियादी ढांचे को बहाल न करने की वजह से हमारे बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा दोनों खतरे में पड़ गई है।' उन्होंने यह भी बताया कि यह पुल खूंटी और सिमडेगा जिलों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग है और वर्तमान में कोई वैकल्पिक रास्ता मौजूद नहीं है।
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गांव वालों ने लगाया विधायक पर आरोप
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक राम सूर्या मुंडा (JMM) समेत कई नेताओं के दौरा करने और पुल निर्माण का शिलान्यास करने के बावजूद अभी तक काम नहीं शुरू हुआ है। गांव वालों ने बताया कि खूंटी की उपायुक्त आर. रोनिता से संपर्क के प्रयास किए गए लेकिन अभी तक संपर्क नहीं हो पाया है। खूंटी के उप विकास आयुक्त (डीडीसी) आलोक कुमार दुबे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि निर्माण कार्य मानसून के बाद शुरू होगा।
उन्होंने कहा, 'बारिश के दौरान निर्माण कार्य कर पाना संभव नहीं है। पुल के गिरने के बाद तकनीकी रिपोर्ट त्वरित रूप से पथ निर्माण विभाग को भेज दी गई थी। हमें विश्वास है कि आवश्यक स्वीकृतियां प्राप्त हो गई हैं और काम मॉनसून के बाद शुरू हो जाएगा। हम ग्रामीणों की समस्याओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील हैं।'