कोलकाता आरजी कर अस्पताल में डॉक्टर से दुष्कर्म और हत्या के दो मुख्य आरोपियों को शुक्रवार को जमानत मिल गई। इस खबर को सुनने के एक दिन बाद शनिवार को वामपंथी दलों और कांग्रेस ने कोलकाता में विभिन्न स्थानों पर विरोध रैलियां निकालीं और आरोप लगाया कि सीबीआई मामले में न्याय देने में 'विफल' रही।
राजनीतिक पार्टियों के अलावा जूनियर डॉक्टर, नर्स और आम जनता भी सड़कों पर उतर आई है। संदीप घोष को जमानत दिए जाने के विरोध में लोगों ने सीबीआई ऑफिस के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। लोगों ने दोषियों को बचाने के लिए राज्य सरकार, पुलिस और सीबीआई के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया।
हमने नहीं सोचा था कि सीबीआई पूरी तरह विफल हो जाएगी
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए एक प्रदर्शनकारी डॉक्टर ने कहा, 'कल हमें चौंकाने वाली खबर मिली कि आरजी कर बलात्कार और हत्या की घटना के दोषियों को जमानत दे दी गई है। हमने नहीं सोचा था कि सीबीआई पूरी तरह विफल हो जाएगी। हम जानते हैं कि पूरे मामले को दबाने और दोषियों को बचाने के लिए राज्य सरकार, राज्य पुलिस और सीबीआई के बीच सांठगांठ है। हम सीबीआई से यह पूछने के लिए सड़कों पर हैं कि वे आरोपपत्र क्यों पेश करने में विफल रहे?'
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी निकाला जुलूस
इस बीच कांग्रेस ने दक्षिणी कोलकाता के रवींद्र सदन इलाके से निजाम पैलेस स्थित सीबीआई कार्यालय तक जुलूस निकाला और केंद्रीय जांच एजेंसी की आलोचना की। जुलूस के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता ने पार्टी के झंडे थामे और 'हम न्याय की मांग करते हैं' और 'बिचार चाय तिलोत्तोमा (तिलोत्तोमा न्याय चाहती है)' जैसे नारे लगाते नजर आए। हालांकि, पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को निजाम पैलेस में प्रवेश करने से रोक दिया, जिसके कारण प्रदर्शनकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच हाथापाई भी हुई।
शुक्रवार को मिली जमानत
कोलकाता की सियालदह अदालत ने शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को जमानत दे दी थी। सीबीआई द्वारा अनिवार्य 90-दिन की अवधि के भीतर उनके खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल करने में 'विफल' रहने के बाद कोर्ट ने यह जमानत दी।