उत्तर प्रदेश के कानपुर में डीएम और सीएमओ के बीच छिड़ी जंग निलंबन तक पहुंच गई है। सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी को निलंबित कर दिया गया है। उदय नाथ अब कानपुर के नए सीएमओ होंगे। डॉ. उदय नाथ अभी तक श्रावस्ती जिले के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे। डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी के बीच छिड़े विवाद में कानपुर भाजपा भी अलग-अलग खेमे में बंटी है।
विवाद की शुरुआत डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह के सीएमओ कार्यालय में औचक निरीक्षण से होती है, जहां डॉ. हरिदत्त नेमी मौजूद नहीं मिले थे। एक ऑडियो वायरल होने के बाद मामला लखनऊ तक पहुंच गया। वायरल ऑडियो में एक शख्स कहता है कि 75 जिलों में ऐसा कोई डीएम नहीं देखा, जो इस तरह से बात करता हो। एक अन्य ऑडियो में यही आदमी पैसे की व्यवस्था करने की बात करता है। यह भी कहता है कि हर महीने की आमदनी निकालनी है। कोई तरीका बताओ। हालांकि सीएमओ ने ऑडियो में अपनी आवाज होने से इंकार किया और कहा कि इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
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सीएमओ ने जिलाधिकारी पर क्या आरोप लगाए?
सीएमओ डॉ. नेमी का आरोप है कि डीएम ने डैश बोर्ड की बैठक से उन्हें बेइज्जत करके निकला दिया था। मैंने दवा सप्लाई करने वाली एक फर्म का भुगतान रोक दिया। तभी ऑडियो को लीक किया गया। इसके पीछे एक साजिश है। निलंबन के बाद सीएमओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने जिलाधिकारी पर पैसा मांगने का आरोप लगाया और दावा किया कि जिला अधिकारी ने कहा कि सिस्टम में आइए नहीं तो दिक्कत होगी। उन्होंने सीएम को एक पत्र भी लिखा है। इसमें जिलाधिकारी पर भ्रष्टाचार और जाति सूचक शब्दों के इस्तेमाल का आरोप लगाया।
सीएमओ के पक्ष में भाजपा के कौन नेता?
सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी के पक्ष में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, भाजपा एमएलसी अरुण पाठक और गोविंदनगर विधायक सुरेंद्र मैथानी उतरे थे। उन्होंने न केवल सीएमओ का बचाव किया बल्कि डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को एक पत्र भी लिखा। इसमें सीएमओ के काम की तारीफ की और जनहितैषी अधिकारी बताया। इन भाजपा नेताओं ने कहा कि सीएमओ अपनी ड्यूटी पूरी जिम्मेदारी से निभाते हैं, लेकिन उनकी चिट्ठी काम नहीं आई।
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डीएम को पक्ष में कौन कौन?
कानपुर की बिठूर विधानसभा से विधायक अभिजीत सिंह सांगा और किदवई नगर से भाजपा विधायक महेश त्रिवेदी ने डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह का समर्थन किया। दोनों विधायकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर डीएम के समर्थन में पैरवी की। सांगा ने कहा कि डीएम के खिलाफ सीएमओ ने ऑडियो वायरल करके माहौल को बिगाड़ा है।
भगवा तौलिया की खूब चर्चा
डीएम के साथ विवाद के बाद सीएमओ डॉ. हरिदत्त नेमी ने दफ्तर आना बंद कर दिया था। इसके पीछे उन्होंने तबीयत खराब होने का हवाला दिया। बाद में उनके दफ्तर की एक फोटो की चर्चा खूब हुई। इसमें उनकी कुर्सी पर भगवा तौलिया पड़ी थी। स्वास्थ्य सचिव रितु माहेश्वरी ने हरिदत्त नेमी के खिलाफ निलंबन और जांच का आदेश जारी किया। उन्हें चिकित्सा निदेशालय से संबद्ध कर दिया गया है।