'साहब बच्चे को जिंदा कर दो', थैले में लाश ले DM ऑफिस पहुंचा शख्स
राज्य
• LAKHIMPUR 23 Aug 2025, (अपडेटेड 23 Aug 2025, 11:54 AM IST)
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में एक पिता नवजात बच्चे का शव थैले में लेकर डीएम ऑफिस पहुंचा। आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज नहीं किया जिसके कारण बच्चे की मौत हो गई।

थैले में नवजात का शव लेकर जाता पिता, Photo Credit: Social Media
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में दिलकर देने वाला दहली देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां एक पिता अपने नवजात बच्चे के शव को थैले में रहकर डीएम ऑफिस पहुंच गया और न्याय की गुहार लगाने लगा। पिता डीएम से कहता है कि साहब मेरे बेटे को जिंदा कर दो। पिता का विलाप देखकर वहां मौजूद अधिकारी भी हैरान रह गए। परिवारवालों का आरोप है कि प्राइवेट अस्पताल ने समय से इलाज नहीं किया, इसलिए डिलीवरी के दौरान ही बच्चे की मौत हो गई।
पिड़ित पिता का आरोप है कि उसकी पत्नी को प्रस्व पीड़ा के दौरान प्राइवेट अस्पताल ने इलाज के लिए मना कर दिया। उसने कहा कि उसकी पत्नी दर्द में चिल्लाती रही लेकिन अस्पताल वाले कहते रहे कि पहले पैसा जमा करो तभी इलाज शुरू करेंगे। इलाज ना होने के कारण पीड़ित के नवजात बच्चे की मौत हो गई। इस घटना के बाद पिता अपने नवजात बच्चे की लाश झोले में लेकर डीएम ऑफिस पहुंच गया। यहां उसने कहा कि साहब या तो उसके बच्चे को जिंदा कर दिया जाए या फिर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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#WATCH | Lakhimpuri Kheri, UP | A man, Vipin Gupta, reached the office of the DM with the dead body of his newborn child, who died during delivery.
— ANI (@ANI) August 23, 2025
He says, "I got my wife admitted here in the hospital. They said a normal delivery would cost Rs 10000 and a c-section delivery… pic.twitter.com/DhgHGOp15g
क्या है पूरा मामला
पीड़ित ने बताया कि वह हरिद्वार से आ रहा था। उसके साढ़ू ने फोन कर बताया कि उसकी बीवी की तबीयत ज्यादा खराब है। पीड़ित ने पत्नी को अस्पताल में भर्ती करवाने की बात कही। उसकी पत्नी कोबिजुआ स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के लिए भर्ती कराया जहां से हालत गंभीर होती देख वहां की एक आशा वर्कर ने उसकी पत्नी को जिला महिला अस्पताल की बजाय महेवागंज स्थित गोलदार हॉस्पिटल में ले जाकर भर्ती करा दिया। जहां डिलीवरी के दौरान पत्नी की तबीयत खराब हो गई। उसे आनन-फानन में दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया। ऑपरेशन के दौरान पेट में ही बच्चे की मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि इलाज की जगह दोनों डॉक्टर लगातार पैसे की मांग करते रहे इसलिए बच्चे की जान चली गई।
अस्पताल पर लगे गंभीर आरोप
पीड़ित पिता का आरोप है कि अस्पताल वालों ने उससे कहा कि अगर हैसियत है तो ही यहां इलाज कराएं नहीं तो दूसरी जगह चले जाएं। पत्नी प्रसव पीड़ा से परेशान थी, इसलिए वह इलाज के लिए मान गए। पति ने आरोप लगाया कि जैसे-जैसे उसकी पत्नी की तबीयत बिगड़ती गई, वैसे-वैसे अस्पताल की मांग बढ़ती गई। जब पैसे कम पड़े तो इलाज करने से मना कर दिया। पति ने कहा कि वह पैसों का इंतजाम कर देगा लेकिन वह अभी इलाज शुरू कर दें। इस पर अस्पताल वालों ने कहा कि पहले पैसा जमा करो उसके बाद ही इलाज शुरू होगा।
विपिन ने बताया कि वहां मौजूद डॉ. हुकूमा गुप्ता व डॉ. मनीष गुप्ता ने उससे 25 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। उस वक्त उस पर पांच हजार रुपये ही थे, उतने जमा करा दिए। इलाज के दौरान रूबी की तबीयत बिगड़ने लगी। यह देख गुरुवार दोपहर नर्स ने रूबी को जबरन अस्पताल से बाहर कर दिया। जब दूसरे प्राइवेट अस्पताल में रुबी को दिखाया तो वहां पता चला कि गलत दवाई की वजह से बच्चे की पेट में ही मौत हो गई है। इसके बाद रूबी का ऑपरेशन करके मृत बच्चे को गर्भ से निकाला गया।
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मामला यूपी के लखीमपुर खीरी का है. डीएम के सामने शिकायत कर रहे शख्स के हाथ में जो थैला है, उसमें उसका नवजात मृत बच्चा है. जिसकी अस्पताल की लापरवाही के कारण मौत हो गई. सोचिए कैसी व्यवस्था के बीच देश का मीडिल क्लास परिवार रह रहा है. pic.twitter.com/OGLJaIaRKw
— Supriya Singh (@SupriyaSingh_99) August 22, 2025
बच्चे का शव लेकर डीएम ऑफिस पहुंचा
इस घटना से पीड़ित विपिन ने गुस्से में आकर बच्चे के शव को एक थैले में रखा और डीएम ऑफिस पहुंच गया। यहां मौजूद अधिकारी हैरान रह गए। सीएमओ और डीएम सदर अश्वनी कुमार ने पीड़ित की पूरी बात सुनी और तुरंत कार्रवाई का आश्वासन दिया। वह मीटिंग छोड़कर सीधे अस्पताल पहुंचे और अस्पताल को सील कर दिया।
नवजात की मौत के प्रकरण में जिला प्रशासन ने गोलदार अस्पताल को किया सील। भर्ती मरीजों को जिला महिला अस्पताल शिफ्ट कराया जा रहा है। DM के निर्देश पर ADM एके रस्तोगी सृजन अस्पताल पहुंचे, प्रसूता का हालचाल लिया। बेहतर इलाज के निर्देश दिए। जिला प्रशासन पीड़ित परिवार के साथ।@CMOfficeUP pic.twitter.com/D1HUnq0Tgx
— DM LAKHIMPUR KHERI (@DmKheri) August 22, 2025
चीफ मेडिकल ऑफिसर ने जानकारी देते हुए बताया कि नवजात बच्चे की मौत के मामले में एसडीएम सदर अश्विनी कुमार सिंह की मौजूदगी में गोलदार हॉस्पिटल को सील कर दिया गया है। गोलदार हॉस्पिटल में भर्ती अन्य मरीज को इलाज के लिए जिला महिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। जब डीएम अस्पताल पहुंचे तब तक अस्पताल में मौजूद स्टाफ मौके से फरार हो चुका था। वहां पर एक लेडी डॉक्टर मौजूद थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उस डॉक्टर का बयान दर्ज किया।
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