लखनऊ के एक व्यक्ति ने एक अनोखा तरीका अपनाकर कश्मीर के ठंडे मौसम और खास मिट्टी में उगने वाले केसर को सफलतापूर्वक उगाया है। उन्होंने यह कारनामा एरोपोनिक तकनीक से किया है, जिसमें मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है। केसर को कश्मीर से बाहर उगाना पारंपरिक रूप से मुश्किल माना जाता है, क्योंकि इसे ठंडी जलवायु और खास मिट्टी की जरूरत होती है।
बता दें कि 38 वर्षीय हेमंत श्रीवास्तव ने अपने इनडोर फार्मिंग तरीके से लखनऊ में पहली बार केसर का फूल खिलाया है। हेमंत श्रीवास्तव, जो पहले एक प्रमुख अमेरिकी कंपनी में काम करते थे, ने अपनी फायदेमंद नौकरी छोड़कर अपने घरवाले गांव विजयांतखंड, गोमती नगर में केसर की खेती शुरू की है।
इस तरह आया केसर उगाने का विचार
उन्होंने कहा, "केसर उगाने का विचार मुझे ऑनलाइन वीडियो देखकर आया। जब मैंने पाया कि लखनऊ में उपयुक्त जमीन नहीं है, तो मैंने इसे घर पर ही उगाने की सोची।"
उन्होंने यह भी बताया "मैं कश्मीर गया, वहां के किसानों से मिला और उनकी खेती के तरीके सीखे। तब मुझे यकीन हुआ कि मैं इसे लखनऊ में नियंत्रित वातावरण में उगा सकता हूं। हेमंत श्रीवास्तव ने एरोपोनिक तकनीक का उपयोग करते हुए केसर के बल्बों को एक वातानुकूलित हॉल में उगाया। इस प्रक्रिया में पौधे हवा में लटके रहते हैं और उनके जड़ों तक पोषक तत्व सीधे पहुंचाए जाते हैं।
हेमंत श्रीवास्तव ने वर्टिकल फार्मिंग तकनीक का भी इस्तेमाल किया, जिससे सीमित जगह में अधिक उत्पादन किया जा सकता है। उन्होंने समझाया कि "इन तरीकों को मिलाकर हम कम जगह में अधिक पौधे उगा सकते हैं,"। उनके इनडोर फार्म में कश्मीर की ठंडी जलवायु जैसा माहौल बनाए रखा गया है।
हेमंत आगे बताते हैं कि केसर के बल्ब पहले मिट्टी में पोषक तत्वों को सोखते हैं, फिर वे सुस्त हो जाते हैं। नियंत्रित सेटअप में हम उन्हें दो महीने तक अंधेरे में रखते हैं, फिर उन्हें रोशनी में लाकर फोटोसिंथेसिस के लिए जरूरी सभी प्रकार की धूप देते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि इस सेटअप के साथ छोटे स्तर पर केसर उगाने की लागत करीब 7 लाख से 10 लाख रुपये तक होती है।