केरल की कन्नूर तलिपरम्बा फास्ट-ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने एक रेप केस में ऐतिहासिक सजा सुनाई है। कोर्ट ने नाबालिग से रेप के आरोप में एक शख्स को 187 साल की सजा सुनाई है। हैरानी की बात यह है कि नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाला यह शख्स उसे पढ़ाता भी था। लंबे समय से वह इस तरह की हरकतें कर रहा था लेकिन पीड़िता इसके बारे में किसी को बता नहीं पा रही थी। जैसे-तैसे लड़की के परिवार के लोगों को इसकी भनक लगी तब पुलिस के पास इसकी शिकायत की गई। जब लड़की का दुष्कर्म किया गया तब उसकी उम्र सिर्फ 14 साल ही थी। पुलिस ने यह भी बताया है कि दोषी पाया गया शख्स पहले भी ऐसे केस में आरोपी रहा है।
आरोपी अलाकोडे पंचायत के उदयगिरी का मूल निवासी है। 41 वर्षीय आरोपी मोहम्मद रफी मदरसे में पढ़ाता था। पीड़िता मोहम्मद रफी की छात्रा है। आरोप है कि मोहम्मद रफी साल 2020 के मार्च महीने से लगातार साल 2021 तक पीड़िता के साथ रेप करता रहा। मोहम्मद रफी पर पहले भी इस तरह के आरोप लग चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, आरोपी ने यह अपराध तब किया था जब वह पेरोल पर बाहर आया हुआ था। मोहम्मद रफी इससे पहले भी मदरसे में पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा के साथ रेप के आरोप में जेल जा चुका है।
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187 साल की सजा कैसे?
कन्नूर स्पेशल कोर्ट ने मोहम्मद रफी को पॉक्सो अधिनियम की धारा 5 (टी) (बार-बार यौन उत्पीड़न करने वाले अपराधियों) के तहत 50 साल की सजा, आईपीसी की धारा 376 (3) (16 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ बलात्कार करने के लिए) के तहत 25 साल, आईपीसी की धारा 506 (2) (आपराधिक धमकी के लिए) के तहत 2 साल, पोक्सो अधिनियम की धारा 5 (1) और 5 (एफ) (विश्वसनीय पद पर जैसे शिक्षक द्वारा बार-बार बलात्कार करने पर) के तहत 35-35 साल, यौन उत्पीड़न के लिए 20 साल और जबरदस्ती ओरल सेक्स के आरोप में 20 साल की सजा सुनाई है।
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क्या है पूरा मामला?
मुकदमे के मुताबिक, मोहम्मद रफी मार्च 2020 में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप करता है, जब उस लड़की की उम्र 14 साल थी। आरोपी उस लड़की के साथ लगातार साल 2021 तक रेप करता रहा। उसने इस बात को किसी से भी बताने के लिए मना किया था। आरोप है कि मोहम्मद रफी, पीड़िता को डराता-धमकाता था। घटना तब सामने आई जब परिवार के लोगों को लड़की के व्यवहार को देखकर उसपर शक हुआ।
इसके बाद, परिवार के लोग उसे काउंसलिंग सेंटर ले गए, जहां उसने पूरी घटना के बारे में बताया। घटना की जानकारी मिलते ही परिवार ने पझायंगडी थाने में दोषी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की तो पता चला इससे पहले भी मोहम्मद रफी के ऊपर इसी तरह का एक और मामला दर्ज है। पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद रफी ने दूसरा अपराध तब किया था, जब वह पेरोल पर जेल से बाहर था।