स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 का रिजल्ट गुरुवार को घोषित किया गया है और मध्य प्रदेश का इंदौर शहर लगातार आठवीं बार भारत का सबसे साफ शहर चुना गया है। इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर सूरत और तीसरे नंबर पर नवी मुंबई का नाम शामिल है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस सम्मान की घोषणा की है। इंदौर ने 10 लाख से ज्यादा जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में भी पहला स्थान हासिल किया है। स्वच्छता सर्वेक्षण का रिजल्ट दिल्ली में घोषित किया गया है। इंदौर पिछले सात बार से लगातार देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना जा रहा है। स्वच्छता को लेकर वहां के सफाईकर्मियों के साथ-साथ आम जनता भी मिलकर काम कर रही है।
इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण में सुपर लीग रखा गया था। इसमें भी इंदौर नंबर वन पर बना हुआ है। स्वच्छता सर्वेक्षण में सुपर लीग एक नई श्रेणी है। इसे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सितंबर 2024 में शुरू किया था। इस लीग में उन शहरों को शामिल किया जाता है, जो पिछले तीन वर्षों में कम से कम एक बार टॉप-3 में रहे हों और इस साल भी अपनी जनसंख्या श्रेणी में टॉप 20% में हों। यह श्रेणी लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों के लिए बनाई गई है।
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स्वच्छता का रोल मॉडल बना इंदौर
इंदौर देश के अन्य शहरों के लिए स्वच्छता के रोल मॉडल के रूप में उभर कर सामने आया है। स्वच्छता सर्वेक्षण की सुपर लीग में शामिल 23 शहरों में भी इंदौर के अंक सबसे ज्यादा हैं। जानकारी के मुताबिक, निगमायुक्त शिवम वर्मा के नेतृत्व में इंदौर नगर निगम की टीम सम्मान समारोह के दौरान दिल्ली में मौजूद थी। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया।
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अलग-अलग श्रेणियों में विजेता शहर
जनसंख्या श्रेणी |
सबसे स्वच्छ शहर |
10 लाख से अधिक |
इंदौर |
3 से 10 लाख |
नोएडा |
50 हजार से 3 लाख |
नई दिल्ली नगर परिषद (NDMC) |
20 हजार से 50 हजार |
वीटा (महाराष्ट्र) |
20 हजार से कम |
पंचगनी |
स्वच्छता सर्वेक्षण की जानकारी
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2016 से हर साल होता है, जो स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत होता है।
- इसे दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण माना जाता है।
- 2024-25 में 4500 शहरों को इस सर्वेक्षण में शामिल किया गया जबकि 2016 में सिर्फ 73 शहरों को शामिल किया गया था।
कैसे हुआ मूल्यांकन?
- 3000 से ज्यादा जांच करने वाले लोगों ने 45 दिनों तक देशभर के हर वार्ड में जाकर निरीक्षण किया।
- 11 लाख से ज्यादा घरों का सर्वे किया गया।
- 14 करोड़ नागरिकों की भागीदारी रही, जो सीधे बातचीत, स्वच्छता ऐप, MyGov और सोशल मीडिया के जरिए हुई।
- 10 प्रमुख मापदंड और 54 सूचकांक (indicators) के आधार पर रैंकिंग की गई, जिसमें कचरा प्रबंधन, सफाई, जनसहभागिता जैसे पहलुओं को आंका गया।
कुल कितने पुरस्कार?
- इस बार कुल 78 पुरस्कार दिए गए।
- इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राज्य मंत्री तोखन साहू और मंत्रालय के सचिव श्रीनिवास के शामिल हुए।