मदुरै नगर निगम को लेकर गरमाई पूरे तमिलनाडु की सियासत, मामला क्या है?
राज्य
• MADURAI 02 Sept 2025, (अपडेटेड 02 Sept 2025, 11:21 PM IST)
मदुरै नगर निगम में सत्ताधारी डीएमके काबिज है। यह तमिलनाडु में सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है, जिसका सालाना सैकड़ों करोड़ रुपये का बजट होता है। इसके चर्चा में आने की वजह नगर निगम में करोड़ों का भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी है।

एडप्पादी के. पलानीस्वामी। Photo Credit- PTI
तमिलनाडु की सियासत इस समय गरमाई हुई है। चर्चा के केंद्र में है मदुरै नगर निगम। मदुरै नगर निगम की ऐसी चर्चा है कि इसके साथ में राज्य के अन्य नगर निगम भी लाइम लाइट में आ गए हैं। दरअसल, तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी एआईएडीएमके सत्तारुढ़ डीएमके सरकार पर हमलावर है। विपक्षी दल राज्य सरकार के ऊपर आक्रामक हैं, जिसपर एमके स्टालिन सरकार फूंक-फूंककर कदम आगे बढ़ा रही है। सरकार को घेरने के लिए विपक्षी लोगों के बीच जाकर बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो कर रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे 2026 में होने वाले तमिलनाडु के विधानसभा की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं।
दरअसल, मदुरै नगर निगम में सत्ताधारी डीएमके काबिज है। यह तमिलनाडु में सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है, जिसका सालाना सैकड़ों करोड़ रुपये का बजट होता है। इसके चर्चा में आने की वजह नगर निगम में करोड़ों का भ्रष्टाचार और टैक्स चोरी है। विपक्ष के दबाव के चलते इस मामले में कई गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। इसमें वरिष्ठ अधिकारी और नगर निगम की मेयर इंद्राणी पोन वसंत के पति तक शामिल हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है और इसको लेकर पूरे तमिलनाडु की राजनीति क्यों गर्मा गई है...
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मेयर को बचाने का आरोप
एआईएडीएमके के महासचिव और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने 1 सितंबर को डीएमके सरकार पर मदुरै निगम के करोड़ों रुपये के संपत्ति टैक्स घोटाले में मेयर इंद्राणी पोन वसंत को बचाने की कोशिश करने का आरोप लगाया। इसको लेकर उन्होंने मदुरै के पास मैजूद शहर तिरुपरनकुंद्रम में एक बड़ी रैली को संबोधित किया।
उन्होंने सोमवार को तिरुपरनकुंद्रम में अपने 'मक्कलाई काप्पोम, तमिलगाथाई मीतपोम' अभियान के तहत एक जनसभा को संबोधित किया। पलानीस्वामी ने यह अभियान 7 जुलाई को कोयंबटूर से शुरू किया था, जिसका मकसद 'आइए लोगों की रक्षा करें, आइए तमिलनाडु को बचाएं' है। अभियान पूरे तमिलनाडु को कवर करेगा। पलानीस्वामी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह घोटाला 200 करोड़ रुपये का है। संपत्ति टैक्स घोटाले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि इस घोटाले में रिटायर्ड और वर्तमान अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है।
पलानीस्वामी ने उठाए सवाल
पलानीस्वामी ने सवाल किया, 'यहां तक कि मेयर इंद्राणी पोन वसंत के पति पोन वसंत को भी गिरफ्तार किया गया। मेयर को भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए था। मेयर के सहयोग के बिना पोन वसंत मदुरै निगम में अनियमितताएं कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि मेयर के निर्देश के बिना मदुरै नगर निगम में ये अनियमितताएं नहीं हो सकतीं।
पलानीस्वामी ने कहा कि डीएमके सरकार मेयर को बचाने की कोशिश कर रही है और दूसरे अधिकारियों और लोगों को गिरफ्तार करके नाटक कर रही है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सत्ता में वापस आने के बाद, अन्नाद्रमुक संपत्ति टैक्स घोटाले की गहनता से जांच करवाएगी। साथ ही इसमें शामिल सभी लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करेगी।
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'अन्य स्थानीय निकायों में भी भ्रष्टाचार'
पलानीस्वामी ने कहा, 'न केवल मदुरै निगम में, बल्कि तमिलनाडु के अन्य स्थानीय निकायों में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है। उन्होंने कहा कि भ्रष्ट आचरण से अर्जित पैसों के बंटवारे को लेकर इन शहरों के डीएमके पार्षदों के बीच आपसी कलह की वजह से सत्तारूढ़ डीएमके के पार्षदों ने अपनी ही पार्टी द्वारा निर्वाचित मेयरों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है।'
आरोप क्या है?
इस घोटाले से 200 करोड़ रुपये से ज्यादा के राजस्व नुकसान का अनुमान है, जिसमें शहरी वृक्ष सूचना प्रणाली (Urban Tree Information System) में बड़े पैमाने पर छेड़छाड़ की बात सामने आई है। 150 से ज्यादा इमारतों के टैक्स मूल्यों में कथित तौर पर फेरबदल किया गया है। अस्थायी कर्मचारियों समेत कम से कम आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह पूरा मामला पिछले साल 2024 में सामने आया था, जिसमें कई लोगों को लाभ पहुंचा था।
एआईएडीएमके ने आरोप लगाया है कि 2022 और 2024 के बीच हुए इस घोटाले से निगम को लगभग 200 करोड़ का नुकसान हुआ है। इसमें कहा गया है कि केस लगभग सात महीने बाद 2025 में दर्ज किया गया। साथ ही कहा कि केस दर्ज करने में काफी देरी हुई और असली दोषियों के बजाय कमजोर लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मामले में अभी तक क्या हुआ?
हालांकि, स्टालिन सरकार ने मदुरै निगम में कथित संपत्ति टैक्स घोटाले को लेकर मदुरै रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक अभिनव कुमार के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। यह एसआईटी पूरे मामले की जांच कर रही है। वहीं, मामला मद्रास हाई कोर्ट में भी पहुंच चुका है। हाई कोर्ट की मदुरै पीठ ने 29 अगस्त को मदुरै निगम में कथित संपत्ति टैक्स घोटाले की जांच में हुई प्रगति पर रिपोर्ट तलब की।
बता दें कि डीएमके नेतृत्व ने इससे पहले मई के अंत में मदुरै की मेयर इंदिरानी के पति पोन वसंत को निगम प्रशासन में बार-बार हस्तक्षेप करने और पार्टी की बदनामी करने वाली गतिविधियों के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था।
पीटीआर के समर्थक हैं पोन वसंत
पोन वसंत मंत्री पीटीआर के समर्थक माने जाते हैं। पोन वसंत का नगर निगम के कामकाज में काफी प्रभाव बताया जाता है, जिसके वजह से कई पार्षदों के साथ उनका विवाद भी था। इसको लेकर डीएमके के भीतर भी विरोध हो चुका है। मगर, डीएमके इस पूरे मामले पर सावधानी के साथ कदम रख रही है क्योंकि 2026 विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी नेतृत्व अपने लिए कोई खतरा नहीं मोल लेना चाहता है।
वहीं, एआईएडीएमके के एक पार्षद ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है, जिसमें मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की गई है।
संपत्ति टैक्स घोटाले की जांच के बीच मदुरै निगम के सभी क्षेत्रीय अध्यक्षों को मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने 7 जुलाई को निर्देश दिया था, जिसके बाद सभी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, सीएम स्टालिन ने कहा था कि पार्टी को बदनाम करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ बिना किसी पक्षपात के अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
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