केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महानआर्यमन सिंधिया ने मंगलवार को मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ (MPCA) के अध्यक्ष का पदभार संभाल लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवा खिलाड़ियों और महिला खिलाड़ियों को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकताओं में शुमार है। एमपीसीए चुनावों में अध्यक्ष सहित कार्यकारिणी के सभी पदों पर निर्विरोध चुनाव हुआ है और पूरी कार्यकारिणी सर्वसम्मति से चुनी गई है।
इंदौर के होलकर स्टेडियम में आयोजित एमपीसीए की वार्षिक साधारण सभा (AGM) में नवनिर्वाचित कार्यकारिणी पर अंतिम मुहर लग गई। 29 साल के महानआर्यमन ने एमपीसीए के इतिहास के सबसे युवा अध्यक्ष के रूप में इस संगठन की बागडोर संभाली है। एमपीसीए अध्यक्ष की कमान संभालने के बाद महानआर्यमन ने मीडिया से कहा, 'यह मेरे लिए बेहद भावुक पल है क्योंकि मेरे दिवंगत दादा माधवराव सिंधिया और मेरे पिता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी एमपीसीए अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली है। मैं खुश हूं कि एमपीसीए परिवार ने मुझ पर भी इस जिम्मेदारी के लिए भरोसा जताया है।'
यह भी पढ़ें: पंजाब में AAP MLA हरमीत सिंह पुलिस हिरासत से फरार, पुलिस पर की फायरिंग
महानआर्यमन ने क्या कहा?
एमपीसीए चुनावों में निर्विरोध अध्यक्ष चुने जाने के बारे में पूछे जाने पर महानआर्यमन सिंधिया ने कहा, 'यह एक उदाहरण है कि एमपीसीए ऐसा परिवार है जो सर्वसम्मति से फैसले लेता है। एमपीसीए देश का इकलौता राज्य क्रिकेट संघ है जहां पारिवारिक माहौल में चुनाव होते हैं।' उन्होंने अपनी प्राथमिकताएं गिनाते हुए कहा कि वह राज्य में क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के युवा खिलाड़ियों और महिला खिलाड़ियों को बढ़ावा देंगे।
2022 में एमपीसीए का आजीवन सदस्य बने
एमपीसीए की एजीएम में शामिल होने से पहले, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने बेटे महानआर्यमन के साथ शहर के खजराना गणेश मंदिर पहुंचे और गणेशोत्सव के दौरान दर्शन किए। एमपीसीए के नये अध्यक्ष महानआर्यमन की सक्रियता क्रिकेट के गलियारों में गुजरे तीन सालों में लगातार बढ़ती देखी गई है। वह 2022 में जीडीसीए के उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए थे। उन्हें 2022 में ही एमपीसीए का आजीवन सदस्य बनाया गया था।
यह भी पढ़ें: बाराबंकी में ऐसा क्या हुआ जो योगी सरकार के खिलाफ उतरे ABVP कार्यकर्ता?
कैलाश विजयवर्गीय ने दी थी चुनौती
महानआर्यमन मध्य प्रदेश की टी20 क्रिकेट लीग मध्यप्रदेश लीग (एमपीएल) के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने 2024 में अपने गृहनगर ग्वालियर से एमपीएल की शुरुआत की थी। सिंधिया परिवार लम्बे वक्त से सूबे के क्रिकेट प्रशासन में है और एमपीसीए पर इस परिवार का पिछले कई दशकों से वर्चस्व बरकरार है। मध्य प्रदेश सरकार के काबीना मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एमपीसीए में सिंधिया परिवार के वर्चस्व को 15 साल पहले चुनौती दी थी। एमपीसीए के वर्ष 2010 के चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय के बीच सीधी भिड़ंत हुई थी।
सिंधिया ने विजयवर्गीय का दी थी मात
भारी खींचतान के बीच हुए इन चुनावों में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एमपीसीए अध्यक्ष पद पर विजयवर्गीय को 70 वोटों से हराया था। इन चुनावों में शक्तिशाली सिंधिया खेमे ने नये-नवेले विजयवर्गीय गुट का सूपड़ा साफ करते हुए कार्यकारिणी के सभी प्रमुख पदों पर कब्जा जमाया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया उस वक्त केंद्र की कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री थे, जबकि विजयवर्गीय प्रदेश की बीजेपी सरकार में इसी विभाग के काबीना मंत्री का ओहदा संभाल रहे थे।