महाराष्ट्र की निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए जल्द ही काम के घंटे और ओवरटाइम की सीमा बढ़ सकती है। राज्य के श्रम विभाग ने इस बारे में कुछ नए प्रस्ताव रखे हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है।
ये बदलाव महाराष्ट्र दुकान और प्रतिष्ठान (रोजगार और सेवा शर्तों का विनियमन) अधिनियम, 2017 में पांच बड़े संशोधनों का हिस्सा हैं। मंगलवार को इन प्रस्तावों को राज्य मंत्रिमंडल के सामने पेश किया गया, लेकिन मंत्रिमंडल ने इनके प्रभावों पर और स्पष्टता मांगी है। इसलिए, अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
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क्या हैं प्रस्तावित बदलाव?
- काम के घंटे बढ़ाने का प्रस्ताव: वर्तमान में, कर्मचारी एक दिन में अधिकतम 10.5 घंटे काम कर सकते हैं, जिसमें आधा घंटा ओवरटाइम शामिल है। अब इसे बढ़ाकर 12 घंटे करने की योजना है।
- ओवरटाइम की सीमा: हर तीन महीने में ओवरटाइम की सीमा 125 घंटे से बढ़ाकर 144 घंटे करने का प्रस्ताव है।
- लगातार काम का समय: अभी कर्मचारी एक बार में अधिकतम 5 घंटे लगातार काम कर सकते हैं। नए नियम के तहत, अगर आधे घंटे का ब्रेक दिया जाए, तो कर्मचारी 6 घंटे से ज्यादा लगातार काम कर सकेंगे।
- आपात स्थिति में नियमों में छूट: जरूरी परिस्थितियों में, दैनिक काम के घंटों की सीमा लागू नहीं होगी, यानी शिफ्ट की समय सीमा हट सकती है।
- कानून का दायरा बढ़ेगा: अभी यह कानून 10 या उससे ज्यादा कर्मचारी वाली निजी कंपनियों पर लागू होता है। नए नियमों के तहत यह 20 या अधिक कर्मचारी वाली कंपनियों पर लागू होगा।
नारायणमूर्ति ने भी की थी अपील
इसके पहले नारायणमूर्ति ने भी काम के घंटे बढ़ाए जाने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि हर किसी को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए। इस बात को लेकर काफी हो-हल्ला और बवाल मचा था और उनकी काफी आलोचना हुई थी। उन्होंने कहा था कि देश में 80 करोड़ भारतीयों को मुफ्त राशन लेना पड़ता है। इसका मतलब है कि 80 करोड़ लोग भीषण गरीबी में हैं ऐसे में भारत के लोग कड़ी मेहनत नहीं करेंगे तो कौन करेगा।
क्यों है चर्चा?
ये प्रस्ताव कर्मचारियों के काम के घंटे और ओवरटाइम को लेकर बड़े बदलाव ला सकते हैं। खासकर, शिफ्ट की लचीलापन और ओवरटाइम के नियमों में बदलाव से निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की कामकाजी जिंदगी पर असर पड़ सकता है।
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एक वरिष्ठ मंत्री ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘मंत्रियों ने इन प्रस्तावों और उनके प्रभावों पर और जानकारी मांगी है। इसलिए, आज कोई फैसला नहीं लिया गया।’
अगर ये संशोधन मंजूर हो जाते हैं, तो महाराष्ट्र में निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए काम की परिस्थितियां काफी बदल सकती हैं।