तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा ने कोलकाता गैंगरेप केस पर अपनी पार्टी के नेताओं- कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा की विवादित टिप्पणियों से खुद को अलग कर लिया है। महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत में महिलाओं के खिलाफ नफरत किसी एक पार्टी तक सीमित नहीं है। फर्क सिर्फ इतना है कि टीएमसी ऐसी घटिया टिप्पणियों की आलोचना करती है चाहे वो कोई भी करे।
महुआ ने टीएमसी के ऑफिशियल हैंडल से शेयर किए गए एक पोस्ट को भी शेयर किया जिसमें पार्टी ने साफ कहा कि बनर्जी और मित्रा के बयान उनके निजी विचार हैं और पार्टी उनसे सहमत नहीं है। टीएमसी ने अपनी पोस्ट में कहा, 'यह बयान पार्टी की सोच को नहीं दर्शाते।' साथ ही, पार्टी ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर 'जीरो टॉलरेंस' की बात दोहराई और दोषियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की।
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तीन आरोपी गिरफ्तार
इससे पहले कोलकाता पुलिस ने शहर के कस्बा इलाके में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज के अंदर एक छात्रा के साथ गैंगरेप के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से दो आरोपी कॉलेज के मौजूदा छात्र हैं और तीसरा मोनोजीत मिश्रा इस कॉलेज का पुराना छात्र बताया जा रहा है। पीड़िता ने 26 जून को एफआईआर दर्ज करवाई थी।
कल्याण बनर्जी ने क्या कहा था?
टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा के बयान विवादों में आ गए हैं। दोनों नेताओं ने एक हालिया घटना पर बयान देते हुए कुछ ऐसे सवाल उठाए, जिन पर जमकर बहस हो रही है। कल्याण बनर्जी ने कहा कि अगर कोई दोस्त अपने ही दोस्त के साथ गलत हरकत करता है, तो उसमें क्या किया जा सकता है? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या हर स्कूल में पुलिस तैनात की जा सकती है? उन्होंने कहा, ' यह घटना एक छात्रा के साथ उसके ही साथी छात्रों ने की। ऐसे में उसकी सुरक्षा कौन करेगा?'
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मदन मित्रा का बयान भी बेतुका
वहीं विधायक मदन मित्रा का बयान भी विवादों में आ गया। उन्होंने कहा कि अगर लड़की उस जगह पर नहीं जाती, तो शायद यह घटना होती ही नहीं। मित्रा बोले, 'अगर कॉलेज बंद है और कोई आपको किसी यूनिट में बुलाता है, तो मत जाइए, इससे कुछ अच्छा नहीं होगा।' इन बयानों पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के नेता अमित मालवीय ने कहा, 'यह सीधे-सीधे पीड़िता को ही दोष देने की कोशिश है।'
25 जून को कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में कथित तौर पर बलात्कार की शिकार हुई 24 वर्षीय लॉ छात्रा की मेडिकल जांच में शारीरिक हमले के कई निशान पाए गए हैं। मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता की गर्दन और छाती पर खरोंच के निशान बताए गए हैं। हालांकि कोई बाहरी जननांग या मौखिक चोट नहीं देखी गई लेकिन डॉक्टरों ने फोरेंसिक पुष्टि होने तक यौन उत्पीड़न की संभावना से इनकार नहीं किया है।