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10 गिरफ्तार, 2 सस्पेंड, 17 की मौत, जहरीली शराब कांड में क्या-क्या हुआ?

मजीठा में हुए शराब कांड में अब 17 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है। जानते हैं जहरीली शराब कांड अब तक क्या-क्या हुआ है?

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पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान(Photo Credit: @BhagwantMann/ X)

पंजाब के अमृतसर जिले के मजीठा ब्लॉक में जहरीली शराब पीने से हुई त्रासदी ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। इस घटना में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4 लोग अस्पताल में भर्ती हैं। मजीठा में हुए इस जहरीली शराब कांड ने न सिर्फ सरकार के होश उड़ा दिए बल्कि कई सवाल भी खड़े किए हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने जांच तेज कर कई गिरफ्तारियां की हैं और साथ ही DSP और SHO को बर्खास्त कर दिया है। वहीं इतने बड़े स्तर पर मौतों के बीच सरकार ने भी कड़ा रुख अपनाया है।

मजीठा शराब कांड: क्या है पूरा मामला?

पूरी घटना मजीठा क्षेत्र के पांच गांवों में सामने आई, जहां सोमवार रात स्थानीय लोगों ने सस्ती और नकली शराब का सेवन किया था। जिसके बाद कुछ ही घंटों में लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी और अस्पतालों में भर्ती कराया गया। इनमें से कई की मौके पर ही मौत हो गई और अन्य को गंभीर हालत में गुरु नानक देव अस्पताल और सिविल अस्पताल अमृतसर में भर्ती कराया गया। रिपोर्ट के अनुसार, अब 15 लोगों की जहरीली शराब के सेवन से मौत हो गई है और 6 का इलाज अस्पताल में चल रहा है।

 

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मौत की वजह

जांच में यह बात सामने आई कि इस जहरीली शराब में मिथेनॉल का इस्तेमाल किया गया था। मिथेनॉल एक बहुत जहरीला केमिकल है, जिसका इस्तेमाल सामान्य तौर पर औद्योगिक क्षेत्र में किया जाता है, जिसमें डाई, इंक इत्यादि का निर्माण शामिल है। इसे पीने से अंधरूनी अंगों पर सीधा असर पड़ता है और व्यक्ति की जान तक चली जाती है।

मजीठा शराब कांड पर अब तक की कार्रवाई

पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव ने जानकारी दी कि इस मामले में अब तक 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से एक मुख्य आरोपी और कई स्थानीय विक्रेता भी शामिल हैं। साथ ही इस पूरे गिरोह ने ऑनलाइन मिथेनॉल मंगवाकर अवैध शराब तैयार की थी। इसी बीच घटना के बाद मजीठा के डिप्टी एसपी और थाना प्रभारी को ‘गंभीर लापरवाही’ के चलते सस्पेंड कर दिया गया है। इनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। 

एफआईआर और कानूनी प्रक्रिया

पुलिस ने इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (BNS) और एक्साइज एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। डीजीपी ने यह भी कहा कि पंजाब पुलिस इस तरह के नेटवर्क को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है और दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।

 

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अस्पतालों की स्थिति और मेडिकल रिपोर्ट

गुरु नानक देव अस्पताल और सिविल अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार चार लोगों की हालत बेहद नाजुक है। सीनियर मेडिकल ऑफिसर स्वर्णजीत धवन ने बताया कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और लोगों में अभी भी नकली शराब के खतरों को लेकर जागरूकता की कमी है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे बताया सोची-समझी साजिश

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे एक हत्या जैसा कृत्य बताया और कहा कि यह केवल एक दुर्घटना नहीं है, बल्कि सोची-समझी साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि अब तक 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है और टीम दिल्ली तक गई है ताकि पूरी सप्लाई चेन का पता लगाया जा सके। मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की गई है, साथ ही परिवार में यदि कोई काम करने योग्य है तो उसे नौकरी देने पर विचार किया जा रहा है।

पंजाब के राज्यपाल ने इसे बताया ‘दुखद और शर्मनाक’

राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने इस घटना को ‘दुखद और शर्मनाक’ बताया। उन्होंने कहा कि सरकार इस घटना में मारे गए बेहद गरीब लोगों को हर संभव मदद करेगी। जब तक व्यापक जागरूकता नहीं होगी, इस खतरे को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। अकेले कानून से इस पर नियंत्रण नहीं किया जा सकता है।' साथ ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई का भी आश्वासन दिया।

 

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विपक्ष ने सरकार को घेरा

दिल्ली के मंत्री और भाजपा नेता मनीष सिरसा ने इस शराबकांड पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को घेरा। उन्होंने कहा कि जैसे दिल्ली में शराब घोटाला हुआ, वैसे ही अब पंजाब में भी शराब माफियाओं से करोड़ों रुपये लेकर यह साजिश की गई है। साथ ही उन्होंने उन्होंने एक फोटो साझा करते हुए कहा कि 'यह कल की फोटो है जिसमें मनीष सिसोदिया मुख्यमंत्री की तरह पंजाब भवन में मीटिंग करते नजर आ रहे हैं। इससे साबित होता है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पंजाब की सरकार चला रहे हैं।'

 

वहीं शिरोमणि अकाली दल नेता बिक्रम मजीठिया ने आरोप लगाया कि इस मामले को शुरू में छुपाया गया और मृतकों का अंतिम संस्कार बिना पोस्टमॉर्टम करवा दिया गया। उन्होंने कहा कि यह सरकार की ‘ड्रग फ्री पंजाब’ मुहिम की असलियत को उजागर करता है। उन्होंने बड़े स्तर पर साजिश की बात कही और पीड़ित परिवारों को नौकरी और मुआवजा देने की मांग की।

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