कोलकाता की एक सत्र अदालत ने सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 31 वर्षीय डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। उनके अनुसार इस मामले में सभी ने फांसी की मांग की थी लेकिन आजीवन कारवास की सजा मिली। सियालदह कोर्ट के फैसले पर अब ममता सरकार कलकत्ता हाई कोर्ट में चुनौती देगी।
'सजा से मैं संतुष्ट नहीं'
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, 'आरजी कर जूनियर डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले में मैं यह देखकर हैरान हूं कि आज न्यायालय के फैसले में पाया गया है कि यह दुर्लभ मामला नहीं है! मुझे पूरा विश्वास है कि यह वास्तव में दुर्लभ मामला है, जिसके लिए मौत की सजा दी जानी चाहिए। हम इस सबसे भयावह और संवेदनशील मामले में मौत की सजा चाहते हैं और इस पर जोर देते हैं।'
'मौत की सजा क्यों नहीं दी गई?'
सीएम बनर्जी ने आगे लिखा, 'पिछले कुछ तीन से चार महीनों में हम ऐसे अपराधों में दोषियों के लिए अधिकतम मौत की सजा सुनिश्चित करने में सक्षम रहे हैं फिर इस मामले में मौत की सजा क्यों नहीं दी गई?' उन्होंने आगे लिखा कि मुझे लगता है कि यह एक जघन्य अपराध है, जिसके लिए मौत की सजा ही दी जानी चाहिए. हम अब हाई कोर्ट में दोषी को मौत की सजा देने की गुहार लगाएंगे।'
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'मौत की सजा के दायरे में नहीं आता अपराध'
दरअसल, अदालत की सुनवाई के दौरान, सीबीआई के वकील ने दोषी की मौत की सजा की वकालत की। हालांकि, बचाव पक्ष के वकील ने इस बात पर आपत्ति जताई कि अभियोजन पक्ष ने दोषी के खिलाफ पर्याप्त सबूत पेश नहीं किए हैं। अभियोजन पक्ष की मजबूत दलीलों के बावजूद, न्यायाधीश ने पाया कि अपराध मौत की सजा के दायरे में नहीं आता, इसलिए आजीवन कारावास और 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया। पिछले साल 9 अगस्त, 2024 को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में एक पोस्टग्रेजुएट ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था।