महाराष्ट्र के पालघर जिले में शिकार के दौरान बड़ा हादसा हो गया। यहां एक ग्रामीण को उसके साथियों ने जंगली सूअर समझकर गोली मार दी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बुधवार को पुलिस के हवाले से समाचार एजेंसी PTI ने इसकी जानकारी दी। यह घटना 28 जनवरी को हुई है। घटना के सिलसिले में 6 लोगों को हिरासत में लिया गया है।
पालघर के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) अभिजीत धरशिवकर के अनुसार, ग्रामीणों का एक समूह जंगली सूअरों का शिकार करने के लिए मनोर के बोरशेती वन क्षेत्र में घुसा था। इसी दौरान कुछ ग्रामीण समूह से अलग हो गए और शिकारियों में से एक ने उन्हें जंगली सूअर समझकर गोली चला दी, जिससे दो ग्रामीण घायल हो गए। उनमें से एक की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल हो गया।
शव पूरी तरह से सड़ चुका
गोलीबारी से घबराए लोगों ने पुलिस को सूचित करने के बजाय मृतक के शव को झाड़ियों में ही छिपा दिया। एसडीपीओ ने कहा, 'सूचना मिलने के बाद, पुलिस ने जांच की और अपराध में शामिल होने के संदेह में छह ग्रामीणों को हिरासत में लिया। बुधवार को जंगल की तलाशी ली गई जिसके बाद पीड़ित शव बरामद किया। शव पूरी तरह से सड़ चुका था। मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
ऐसी भी खबरें हैं कि घायल ग्रामीण की भी इलाज के दौरान मौत हो गई और ग्रामीणों ने अधिकारियों को सूचित किए बिना ही उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया। धाराशिवकर ने कहा कि पुलिस अपनी चल रही जांच के तहत इस दावे की पुष्टि कर रही है और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा रही है।
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शिकार करना वैध?
बता दें कि भारत में शिकार अवैध है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत देश में किसी भी प्रकार के वन्यजीवों के शिकार पर प्रतिबंध लगाया गया है। यह कानून वन्यजीवों के संरक्षण और उनकी प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने के लिए लागू किया गया था। अवैध शिकार करने पर 3 से 7 साल की कैद और 25,000 से 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं, दुर्लभ या संकटग्रस्त प्रजातियों (जैसे बाघ, गैंडा, हाथी आदि) के शिकार पर और भी कठोर दंड लागू किए जाते हैं।