बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने अपने प्रदेश नेतृत्व में बड़ा बदलाव किया है। चुनाव से पहले मंगनी लाल मंडल को बिहार आरजेडी का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है। 19 जून को राज्य परिषद की बैठक में मंगनी लाल को अध्यक्ष बनने की औपचारिक घोषणा की जाएगी। इससे पहले समाजवादी नेता जगदानंद सिंह बिहार आरजेडी के अध्यक्ष पद की कमान संभाल रहे थे।
जानकारी के मुताबिक, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने जगदानंद सिंह की जगह मंगनी लाल मंडल को आरजेडी का नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने को मंजूरी दी है। मंगनी लाल मंडल शनिवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे और चुनाव 19 जून को होंगे।
समाजवादी राजनीति को आगे बढ़ाया
मंगनी लाल मंडल को बिहार राजद का नया अध्यक्ष नियुक्त किए जाने पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा, 'वह (मंगनी लाल मंडल) एक अनुभवी राजनेता हैं। उन्होंने लोगों की आवाज उठाई है। उन्होंने हमारे पिता के साथ कई सालों तक काम किया है। समाजवादी राजनीति को आगे बढ़ाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है।'
'सबको साथ लेकर चलती है RJD'
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि मंगली लाल मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए नामांकन किया है। वे बहुत अनुभवी नेता हैं। समाजवादी राजनीति को आगे बढ़ाने में उनकी बड़ी भूमिका रही है, हम सभी खुश हैं कि आज मंगली लाल मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया है। हमारी पार्टी जनता की बात करती है और सबको साथ लेकर चलती है। इस बार हम सब मिलकर नया बिहार बनाएंगे।
कौन हैं मंगनी लाल मंडल?
मंगनी लाल मंडल का जन्म साल 1949 में मधुबनी के फुलपरास प्रखंड के गोरगमा में एक मजदूर परिवार में हुआ था। मंगनी लाल महादलित समाज (ईबीसी) से आते हैं। उनके पास काफी प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव है। मंडल बिहार के पूर्व कैबिनेट मंत्री चह चुके हैं। वह लोकसभा और राज्यसभा दोनों के सदस्य रह चुके हैं। मंगनी लाल कुछ समय के लिए नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) में शामिल हो गए थे, लेकिन इस साल की शुरुआत में वे फिर से आरजेडी में शामिल हो गए।
मंडल छात्र राजनीति के समय से ही कर्पूरी ठाकुर के साथ जुड़े रहे। 1986 से 2004 तक वह बिहार विधान परिषद के सदस्य रहे। 2004 से 2009 तक वह आरजेडी से राज्यसभा और 2009 से 2014 तक जेडीयू से लोकसभा सांसद रहे। 2024 लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज होकर मंडल ने जेडीयू छोड़ दिया और 6 जनवरी 2025 को आरजेडी में फिर से आ गए।