मणिपुर के पांच जिलों में मंगलवार को सुरक्षा बलों ने एक बड़े अभियान में 86 हथियार, 974 गोलियां और अन्य युद्ध सामग्री बरामद की। यह अभियान इम्फाल पूर्व, इम्फाल पश्चिम, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर जिलों में चलाया गया। पुलिस महानिरीक्षक (जोन II) के. कबीब ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर सोमवार तड़के मणिपुर पुलिस, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF), सेना और असम राइफल्स की संयुक्त टीमों ने यह कार्रवाई शुरू की। यह अभियान अवैध हथियारों और युद्ध सामग्री के बड़े भंडार को जब्त करने के लिए किया गया।
सुरक्षा बलों ने 86 हथियारों में 5 एके-सीरीज राइफल, 3 इंसास राइफल, 16 सेल्फ-लोडिंग राइफल (SLR), 5 .303 राइफल, 19 पिस्तौल, 2 कार्बाइन, 60 अन्य राइफल, 16 सिंगल-बैरल बंदूकें, 2 एंटी-रायट गन, 1 जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन (JVPC), 1 डबल-बैरल गन, 6 बोल्ट-एक्शन गन और 1 दो इंच का मोर्टार शामिल हैं। इसके अलावा, 974 गोलियां बरामद की गईं, जिनमें 526 राउंड 7.62 मिमी, 226 राउंड 5.56 मिमी, 190 राउंड .303, 7 राउंड 9 मिमी और 4 राउंड .32 मिमी शामिल हैं। साथ ही, 9 ग्रेनेड, 6 हाई-एक्सप्लोसिव मोर्टार शेल, 2 ट्यूब लॉन्चर, 4 इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED), 41 मैगजीन और 6 वायरलेस संचार हैंडसेट भी जब्त किए गए।
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सुरक्षा बलों की कामयाबी
यह अभियान मणिपुर पुलिस और सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता है। अधिकारियों ने कहा कि अवैध हथियारों पर रोक लगाने और शांति बनाए रखने के लिए ऐसे अभियान आगे भी जारी रहेंगे। मणिपुर पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अवैध हथियारों की जानकारी तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या सेंट्रल कंट्रोल रूम में दें।
मणिपुर में हिंसा का इतिहास
मणिपुर में हिंसा के कारण अब तक 250 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और 60,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। राज्य के हथियार भंडार से 6,000 से ज्यादा हथियार लूटे गए थे। इससे पहले, 27 फरवरी को सुरक्षा बलों ने 307 हथियार बरामद किए थे, जिनमें से 246 मैतेई समूह अरामबाई तेंगोल ने जमा किए थे।
इसके बाद 14 जून को 328 हथियार और 10,600 गोलियां भी बरामद की गई थीं। मणिपुर पुलिस ने कहा कि वे राज्य में शांति बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और लोगों से सहयोग की अपील की है।
हथियार जमा करने की की थी अपील
इसी साल फरवरी में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने लोगों से लूटे गए हथियारों को जमा करने की अपील की थी। इसके लिए उन्होंने सात दिन की समयसीमा भी दी थी, जिसे बाद में 6 मार्च तक बढ़ा दिया गया था। इस दौरान कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया गया था। इस अपील के परिणामस्वरूप, विभिन्न जिलों से 1,044 हथियार और 14,779 गोला-बारूद जमा किए गए, जिनमें आधुनिक राइफलें, ग्रेनेड और पिस्टल शामिल थे।
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विशेष रूप से मैतेई समूह अरामबाई टेंगगोल ने 104 हथियार सरेंडर किए थे। हालांकि, पूरी तरह से हथियार जमा नहीं हो पाए थे। मणिपुर में मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शुरू हुई जातीय हिंसा ने राज्य में अशांति फैलाई। इस हिंसा के दौरान पुलिस थानों और शस्त्रागारों से लगभग 6,000 हथियार लूटे गए थे।