राजस्थान में एसआई भर्ती 2021 पेपर लीक मामले में हाई कोर्ट की टिप्पणी के बाद जानेमाने कवि कुमार विश्वास की पत्नी ने इस्तीफा दे दिया है। उनका कार्यकाल 14 अक्टूबर 2026 तक था। उन्हें कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में साल 2020 में आरपीएससी का सदस्य बनाया गया था।
इस पद पर नियुक्त होने के पहले वह भरतपुर राजकीय महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर थीं। राज्यपाल को हरिभाऊ बागडे को भेजे इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि उन्होंने अपना जीवन पूरी पारदर्शिता के साथ जिया है और ईमानदारी से काम करते हुए व्यतीत किया है।
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उन्होंने आगे लिखा, 'पिछले दिनों एक भर्ती प्रक्रिया में उत्पन्न हुए विवाद के कारण मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा प्रभावित हुई है। जबकि मेरे विरुद्ध किसी भी थाने अथवा जांच एजेंसी में किसी प्रकार की कोई भी जांच लंबित नहीं है। न ही मुझे किसी भी मामले में कभी भी आरोपी माना गया है। फिर भी सार्वजनिक जीवन में पवित्रता की सदैव पक्षधर होने के कारण आयोग की गरिमा, निष्पक्षता और पारदर्शिता को सर्वोपरि मानते हुए मैं स्वेच्छा से RPSC के सदस्य पद से अपना इस्तीफा दे रही हूं।'

कोर्ट ने की थी तीखी टिप्पणी
राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने पूर्व आरपीएससी सदस्य रामूराम राई समेत 23 आरोपियों को जमानत दे दी, जबकि 29 अन्य की जमानत अर्जी खारिज कर दी गई। इससे एक दिन पहले ही हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती परीक्षा-2021 को रद्द कर दिया था।
इस भर्ती परीक्षा में 859 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। लेकिन पेपर लीक और धांधली की शिकायतों के चलते हाईकोर्ट ने 28 अगस्त को परीक्षा निरस्त कर दी थी।
किन्हें मिली जमानत?
जिन आरोपियों को जमानत दी गई उनमें कई प्रशिक्षु एसआई शामिल हैं—संतोष, इंदुबाला, विमला, मोनिका, मनीषा सिहाग और वर्षा। इनके अलावा डमी कैंडिडेट इंद्रा, चम्मी बाई, हैंडलर सुनील कुमार बेनीवाल, लोकेश शर्मा, अरुण शर्मा और कमलेश ढाका को भी जमानत मिली है।
इसी तरह ब्लूटूथ से नकल कराने के आरोपी जयराज सिंह, फोटोकॉपी ऑपरेटर महेंद्र कुमार, राजेंद्र कुमार यादव, श्यामप्रताप सिंह, शैतानराम, अरुण कुमार प्रजापत, दीपक राहद, बुद्धिसागर उपाध्याय और छांचल के पिता श्रवणराम को भी राहत दी गई है।
वरिष्ठ वकील विवेक राज बाजवा ने अदालत में दलील दी कि रामूराम राईका पहले ही काफी समय से हिरासत में हैं और मामले की चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने इस केस के अन्य आरोपियों को जमानत दी है, इसलिए राईका को भी राहत मिलनी चाहिए। अदालत ने यह दलील मान ली।
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बेटे को पास कराना था
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि आरोपी रामूराम राईका ने अपनी बेटी शोभा और बेटे देवेश को इंटरव्यू में पास करवाने के लिए आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों से मुलाकात की थी। अदालत ने टिप्पणी की कि राईका ने अपनी बेटी की फोटो दिखाकर सिफारिश की और इंटरव्यू में वही कपड़े पहनकर पहुंचने की बात कही थी। हाईकोर्ट की इस टिप्पणी के बाद आयोग पर उठे सवालों को देखते हुए ही मंजू शर्मा ने स्वेच्छा से इस्तीफ़ा दे दिया।