फतेहाबाद जिले के गोरखपुर में स्थित हरियाणा अणु विद्युत परियोजना का शनिवार को केंद्रीय ऊर्जा और आवासन व शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दौरा किया। इस महत्वपूर्ण परियोजना को देश के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया आयाम देने वाला माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह परियोजना न केवल हरियाणा, बल्कि पूरे उत्तर भारत की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। साथ ही, यह देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने में भी मददगार साबित होगी।
इस दौरे के वक्त दोनों नेताओं ने परियोजना के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) के परियोजना निदेशक जिवेंद्र कुमार जैन ने एक प्रेजेंटेशन के जरिए परमाणु ऊर्जा विभाग और एनपीसीआईएल के कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने गोरखपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के निर्माण, कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) पहल और जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया। केंद्रीय मंत्री ने निर्माण कार्यों की बारीकी से जांच की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्य तय समय और मानकों के अनुसार पूरे किए जाएं।
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‘पर्यावरण अनुकूल है ऊर्जा’
मनोहर लाल ने जोर देकर कहा कि परमाणु ऊर्जा स्वच्छ और पर्यावरण के लिए अनुकूल है। यह ऊर्जा उत्पादन का एक ऐसा साधन है, जो लंबे समय तक सस्ता और प्रदूषण मुक्त होता है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना देश को 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। इसके अलावा, यह परियोजना हरियाणा और उत्तर भारत को ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनाएगी।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और केंद्रीय मंत्री का अणुशिल्प भवन में पहुंचने पर एनपीसीआईएल के अधिकारियों ने शॉल और स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। समीक्षा बैठक में केंद्रीय मंत्री ने परमाणु सुरक्षा को लेकर आम लोगों में फैली भ्रांतियों को दूर करने पर जोर दिया। उन्होंने अधिकारियों को सलाह दी कि आसपास के इलाकों में जागरूकता अभियान चलाए जाएं, ताकि लोगों को परमाणु ऊर्जा की सुरक्षा और फायदों के बारे में सही जानकारी मिले।
‘CSR फंड के बेहतर उपयोग की हिदायत’
केंद्रीय मंत्री ने सीएसआर फंड के बेहतर उपयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर ऐसे विकास कार्यों को प्राथमिकता दी जाए, जो लंबे समय तक समाज के लिए लाभकारी हों। साथ ही, उन्होंने परियोजना परिसर में आगामी मानसून के दौरान 20,000 से अधिक पौधे लगाने का निर्देश दिया, ताकि पर्यावरण संरक्षण को और बढ़ावा मिले।
मनोहर लाल ने सभी राज्यों से अपील की कि वे परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को बढ़ावा दें। जहां पहले से संयंत्र हैं, वहां उनकी क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि परमाणु ऊर्जा न केवल सस्ती है, बल्कि यह पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाती। यह परियोजना प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत के विजन को साकार करने में एक मील का पत्थर साबित होगी।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद सुभाष बराला, मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, अतिरिक्त मुख्य सचिव (पावर) अपूर्व कुमार सिंह, और एनपीसीआईएल के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह परियोजना न केवल ऊर्जा क्षेत्र में, बल्कि सामाजिक और पर्यावरणीय विकास में भी एक नया अध्याय जोड़ेगी।