बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को दो साल की सजा मिलने के बाद मऊ सदर सीट को खाली घोषित कर दिया गया है। शनिवार को मऊ की एमपी/एमएलए कोर्ट ने अब्बास अंसारी को आचार संहिता उल्लंघन और हेट स्पीच मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। साल 2022 में अब्बास ने मऊ सदर विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीता था। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत दो साल या इससे अधिक की सजा होने पर विधायक और सांसदों की सदस्यता समाप्त हो जाती है।
अब्बास अंसारी को किन धाराओं में कितनी सजा?
पीटीआई से बातचीत में बचाव पक्ष के वकील दरोगा सिंह ने बताया कि अब्बास अंसारी पर भारतीय दंड संहिता की धाराओं 189 (लोक सेवक को नुकसान पहुंचाने की धमकी देना), 153-ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 171 एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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वकील दरोगा सिंह ने आगे बताया कि एमपी/एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश केपी सिंह ने अब्बास अंसारी को धारा 189 व 153-ए के तहत दो-दो साल, धारा 506 के तहत एक साल और धारा 171-एफ के तहत छह माह कैद की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। अंसारी पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
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मऊ के पहाड़पुर में 3 मार्च 2022 को अब्बास अंसारी की एक रैली थी। यहां उन्होंने न केवल नफरती भाषण दिया, बल्कि चुनाव बाद प्रशासन से हिसाब-किताब बराबर करने और सबक सिखाने की धमकी दी थी। अब्बास ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनी तो किसी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा। यही रोककर हिसाब-किताब बराबर किया जाएगा। वीडियो वायरल होने के बाद चुनाव आयोग ने अंसारी के प्रचार पर रोक लगा दी थी। बाद में एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर मऊ कोतवाली में अब्बास अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।