logo

ट्रेंडिंग:

कुत्तों की बढ़ती आबादी रोकने के लिए बनेगी कमेटी, हाई कोर्ट ने दिए आदेश

मेघालय में आवारा कुत्तों की समस्या इतनी बढ़ गई है कि वहां हाई कोर्ट को आदेश देने पड़ रहे हैं। वहां डॉग बाइट के मामलों में साल दर साल बढ़ोतरी हो रही है।

stray dog

आवारा कुत्तों की समस्या (Photo Credit- Pixabay)

मेघालय हाई कोर्ट ने बुधवार को कुत्तों की आबादी नियंत्रित करने के लिए जिलों में एनिमल बर्थ कंट्रोल कमेटी बनाने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह आदेश एक जनहित याचिका की सुनवाई पर दिया है जिसमें राज्य में बढ़ रही कुत्तों की आबादी को लेकर कदम उठाने की मांग की गई थी। कोर्ट को बताया गया था कि सरकार ने साउथ गारो हिल और वेस्ट जयंतिया हिल को छोड़कर हर जिले में एनिमल बर्थ कंट्रोल कमेटी बनाई है। इस पर कोर्ट ने सभी जिलों में कमेटी बनाने के आदेश दिए।

 

हाई कोर्ट ने कहा, 'इन कमेटियों का गठन पशुओं के प्रति क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 और एनिमल बर्थ कंट्रोल (डॉग्स) नियम, 2001 के तहत किया जाए। कुत्तों की जनसंख्या को मानवीय तरीकों से नियंत्रित किया जाए। जिसमें उनका टीकाकरण और नसबंदी हो, जरूरत के मुताबिक उनका इलाज भी हो।'

 

यह भी पढ़ें: बेरोजगारी के बावजूद काम नहीं ढूंढ रहे लोग? सरकारी रिपोर्ट में खुलासा

 

 

मेघायल को क्यों पड़ी कुत्तों के बर्थ कंट्रोल की जरूरत?

 

पूर्वोत्तर के राज्यों में डॉग बाइट के सबसे ज्यादा केस मेघालय में हैं। PIB की रिपोर्ट के मुताबिक, मेघायल में 2025 के सिर्फ जनवरी के महीने में 2466 डॉग बाइट के मामले सामने आ चुके हैं। साल 2024 में यहां 17,784 लोग डॉग बाइट का शिकार हुए थे।

 

मेघालय में आवारों कुत्तों की समस्या शिलॉन्ग से शुरू हुई थी और फिर पूरे राज्य को जकड़न में ले लिया था। कुत्ते आते-जाते लोगों, खासकर बुजुर्गों और बच्चों पर हमले करते हैं। पशुपालन मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, मेघालय में आवारा कुत्तों की आबादी 10 हजार से ज्यादा है। वहीं, भारत की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा आवारा कुत्ते उत्तर प्रदेश में हैं। वहां आवारा कुत्तों की आबादी 20 लाख 59 हजार से ज्यादा है।

 

यह भी पढ़ें: वर्ल्ड बैंक का अनुमान- बाढ़ की वजह से 5 साल में 5 अरब गंवा देगा भारत

 

आवारा कुत्ते बन गए हैं समस्या

दरअसल, पिछले साल कई राज्यों में आवारा कुत्तों के हमलों से जुड़े मामले सामने आए थेजिन पर अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट ने अलग-अलग आदेश दिए थेबॉम्बे, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने कहा था कि स्थानीय अधिकारियों के पास आवारा कुत्तों को मारने की शक्तियां हैं और वे ABC यानी एनिमल बर्थ कंट्रोल नियमों के अधीन नहीं हैंसुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों पर कई याचिकाएं दायर की गई

केंद्र सरकार ने तो राज्यों को 23 डॉग ब्रीड्स पर बैन लगाने के निर्देश भी दिए थेवहीं, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को खाना खिलाने से जुड़े मामले में याचिकाकर्ता को ही फटकार लगा दी थीयाचिकाकर्ता ने कहा था कि उन्हें जानवरों को खाना खिलाने में परेशान किया जा रहा है

 

कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा था, 'क्या हर गली और सड़क को पशु प्रेमियों के लिए छोड़ दिया जाना चाहिए?' कोर्ट ने सुझाव भी दिया था कि अगर कुत्तों को खाना खिलाना है तो याचिकाकर्ता घर में शेल्टर खोल लेंफिलहाल, आवारा कुत्तों और जानवरों को सड़क पर खाना खिलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई आखिरी फैसला नहीं दिया है

Related Topic:#Meghalaya News

शेयर करें

संबंधित खबरें

Reporter

और पढ़ें

हमारे बारे में

श्रेणियाँ

Copyright ©️ TIF MULTIMEDIA PRIVATE LIMITED | All Rights Reserved | Developed By TIF Technologies

CONTACT US | PRIVACY POLICY | TERMS OF USE | Sitemap