उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे को बड़ा झटका लगा है। मऊ की एक अदालत ने नफरती भाषण और आचार संहिता उल्लंघन मामले में अब्बास को दोषी करार दिया है। सजा का एलान कुछ देर में होने की उम्मीद है। अब्बास अंसारी मऊ विधानसभा सीट से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक हैं। शनिवार को मऊ की सीजेएम कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। तमाम साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने अब्बास अंसारी को दोषी पाया। अदालत ने अब्बास अंसारी को 2 साल और मंसूर अंसारी को 6 महीने कैद की सजा सुनाई है।
मऊ के पहाड़पुर में 3 मार्च 2022 को अब्बास अंसारी की एक रैली थी। यहां उन्होंने न केवल नफरती भाषण दिया, बल्कि चुनाव बाद प्रशासन से हिसाब-किताब बराबर करने और सबक सिखाने की धमकी दी थी। अब्बास ने कहा था कि अगर हमारी सरकार बनी तो किसी अधिकारी का तबादला नहीं किया जाएगा। यही रोककर हिसाब-किताब बराबर किया जाएगा। वीडियो वायरल होने के बाद चुनाव आयोग ने अंसारी के प्रचार करने पर रोक लगा दी थी। बाद में एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर मऊ कोतवाली में अब्बास अंसारी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
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इन धाराओं में दर्ज किया गया था केस
- धारा 506 (आपराधिक धमकी)
- धारा 171F (चुनाव में गलत प्रभाव डालना)
- धारा 186 (सरकारी कार्य में बाधा)
- धारा 189 (सरकारी सेवक को धमकाना)
- धारा 153A (दो समुदायों में वैमनस्यता फैलाना)
- धारा 120B (आपराधिक साजिश)
हाई कोर्ट में भी एक याचिका दाखिल
अब्बास अंसारी ने अपने नफरती भाषण मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका भी दाखिल की है। हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। सोमवार को पारित आदेश में न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने इंस्पेक्टर गंगाराम को भी अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अब्बास अंसारी ने कथित नफरत भाषण के ऑडियो से जुड़ी फोरेंसिक रिपोर्ट को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। अदालत इसी पर सुनवाई कर रही है।
अदालत ने कहा, "सरकारी अधिवक्ता ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा है। उन्हें समय दिया गया है। विपक्षी पक्षकार संख्या- 2 को जल्द से जल्द जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया जाए। इस मामले को 11 जून को नए सिरे से पेश किया जाए। विपक्षी पक्षकार संख्या-2 भी चाहे तो जवाबी हलफनामा दाखिल कर सकता है।"
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अंसारी पर 2022 में मऊ जिले में एक रैली में मंच साझा करने का आरोप है, जहां उनके भाई ने चुनाव परिणामों के बाद कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को पैसे देने की धमकी दी थी। मार्च 2022 में, मऊ पुलिस ने अंसारी बंधुओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171एफ (चुनाव में अनुचित प्रभाव डालने का अपराध) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया, जब चुनाव प्रचार के दौरान भाषण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। अब्बास अंसारी पर 2022 में मऊ जिले में एक रैली में मंच साझा करने का आरोप है, जहां उनके भाई ने कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को बदले की धमकी दी थी।