मध्य प्रदेश के दमोह से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां मिशन अस्पताल की बड़ी लापरवाही से 7 हार्ट मरीजों की मौत हो गई। दरअसल, एक शख्स ने खुद को लंदन का डॉक्टर बताकर अस्पताल में नौकरी की। इस दौरान शख्स ने कई हार्ट मरीजों का ऑपरेशन किया जिनमें से 7 की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि फर्जी डॉक्टर लंदन के डॉक्टर एनकेम जॉन के नाम से नौकरी कर रहा था। इस दौरान डॉक्टर ने हार्ट मरीज की सर्जरी की जिसमें 7 की मौत हो गई। मामला इसी साल फरवरी का है। मरीजों की मौत के 2 महीने बाद यह मामला सामने आया है। इस लापरवाही के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कोई कार्वाई नहीं की। न ही उसकी डिग्री का वेरिफिकेशन किया। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष दीपक तिवारी की शिकायत के बाद यह मामला सामने आया है।
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आयुष्मान भारत योजना से जुड़ा ये अस्पताल
दीपक तिवारी ने आरोप लगाया है कि मृतकों की संख्या और ज्यादा हो सकती है। बाल सरंक्षण आयोग के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस पूरे घटनाक्रम को सोशल मीडिया पर उजागर किया। उन्होंने यह भी बताया कि यह अस्पताल प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना से जुड़ा है, जिससे सरकारी फंड के दुरुपयोग का भी आरोप सामने आया है। मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की जी रहा ही। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मिशनरी अस्पताल में नकली डॉक्टर ने हृदय रोग के इलाज के नाम पर मरीजों की सर्जरी की। ऑपरेशन के दौरान 7 की मौत होने का मामला सामने आया है।'
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हैदराबाद में भी फर्जी डॉक्टर पर केस दर्ज
दीपक तिवारी ने समाचार एजेंसी ANI को बताया, 'कुछ मरीज, जो बच गए, हमारे पास आए और हमें घटना के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि वे अपने पिता को अस्पताल ले गए थे और वह व्यक्ति ऑपरेशन करने के लिए तैयार था लेकिन वे थोड़े आशंकित थे, इसलिए वे अपने पिता को जबलपुर ले गए। तब हमें पता चला कि अस्पताल में एक नकली डॉक्टर काम कर रहा है; असली व्यक्ति ब्रिटेन में है। इस व्यक्ति का नाम नरेंद्र यादव है। हैदराबाद में उसके खिलाफ एक मामला दर्ज है और उसने कभी अपने असली दस्तावेज नहीं दिखाए।'