मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में एक अनोखी शादी ने सबका दिल जीत लिया। 1 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर यह शादी हुई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दूल्हा आदित्य सिंह अपनी बीमार दुल्हन नंदिनी सोलंकी को गोद में उठाकर सात फेरे लिए। इसकी खास बात यह है कि यह सात फेरे दूल्हा-दुल्हन ने एक अस्पताल के वार्ड में ली, जिसे मंडप में बदल दिया गया था। इस घटना की वीडियो वायरल होने के बाद इंटरनेट पर यूजर्स प्रेमी जोड़े की खूब तारीफ कर रहे हैं।
ऐसा क्यों करना पड़ा?
दरअसल, शादी से सात दिन पहले नंदिनी को टाइफाइड हो गया, जिसके कारण उन्हें राजगढ़ के पंजाबी नर्सिंग होम में भर्ती होना पड़ा। डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत गंभीर थी और वह लंबे समय तक खड़ी या बैठ नहीं सकती थीं। वहीं, अक्षय तृतीया हिंदू परंपरा में शादी के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है। आदित्य की मां ममता ने बताया कि अगर इस दिन शादी नहीं होती, तो अगले दो साल तक कोई शुभ मुहूर्त नहीं था। इसलिए, परिवार ने नंदिनी और उनके परिवार की सहमति से अस्पताल में ही शादी करने का फैसला किया।
अस्पताल में शादी
आदित्य अपनी बारात के साथ बैंड-बाजे लेकर सीधे अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के आउटपेशेंट डिपार्टमेंट में एक छोटा मंडप सजाया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच आदित्य ने नंदिनी को गोद में उठाकर सात फेरे लिए, जो हिंदू विवाह में सात वचनों का प्रतीक हैं। इसके बाद, उन्होंने नंदिनी के माथे पर सिंदूर लगाया और मंगलसूत्र पहनाया, जिससे विवाह की रस्में पूरी हुईं।
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क्यों खास है यह शादी?
आदित्य का नंदिनी को गोद में उठाकर फेरे लेना उनके अटूट प्रेम को दर्शाता है। इस जोड़े ने मुश्किल हालात में भी अपनी शादी को यादगार बना दिया। शादी का वीडियो एक्स और अन्य प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रहा है। कई लोगों ने इस घटना की तुलना शाहिद कपूर और अमृता राव की फिल्म विवाह से की, जिसमें ऐसे ही कुछ मिलते-जुलते सीन है।
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कैसे हुई व्यवस्था?
नंदिनी के परिवार और आदित्य के परिवार ने मिलकर अस्पताल में शादी की व्यवस्था की। डॉक्टरों और नर्सों ने भी इस खास मौके पर सहयोग किया और कुछ रस्मों में हिस्सा लिया। नंदिनी लंबे समय तक बैठ नहीं सकती थीं, इसलिए डॉक्टरों ने सुझाव दिया कि फेरे और अन्य रस्में जल्दी पूरी की जाएं। शादी में ज्यादा भीड़ नहीं थी और केवल करीबी रिश्तेदार और दोस्त शामिल हुए। मंडप को साधारण तरीके से सजाया गया था।