2012 के दिल्ली सामूहिक-दुष्कर्म केस के बाद भी कुछ नहीं बदला। मध्य प्रदेश अकेला ऐसा राज्य है जहां दुष्कर्म के मामलों की संख्या में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई है। राज्य में 2013 से 2018 तक हर साल 4 हजार से अधिक रेप केस रिपोर्ट हुए। इन सभी के बावजूद अकेले महाकाल की नगरी उज्जैन में दिनदहाड़े एक महिला के साथ दरिंदगी का मामला सामने आया था। वहीं एक 16 साल की नाबालिग के साथ चलती कार में हुई हैवानियत ने सबको झकझोर कर रख दिया था।
आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन मध्यप्रदेश की हाई कोर्ट में नाबालिग से दुष्कर्म के लगभग 4928 केस पेंडिंग पड़ी हुई है। इसमें रेप के बाद हत्या के 64 मामले शामिल है। वहीं, 50 फीसदी आरोपी जमानत पर बाहर हैं। ये आंकड़ें केवल जबलपुर, ग्वालियर और इंदौर हाई कोर्ट की हैं।
22 नवंबर, 2024 तक का आंकड़ा जारी
दरअसल, कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान सवाल किया था कि बीते एक साल में इस बारे में कोई दिशा निर्देश जारी किए गए हैं? इस पर सीएम ने 22 नवंबर, 2024 तक का एक आंकड़ा जारी किया जिसमें उन्होंने यह भी बताया कि दुष्कर्म के मामलों में ट्रायल कोर्ट ने अब तक 11 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है लेकिन अभी तक किसी को फांसी नहीं हुई। नाबालिग से दुष्कर्म के मामलों में कुल 5243 आरोपियों में करीब 50 फीसदी आरोपी जमानत पर बाहर हैं। 650 आरोपी जेल में हैं, जबकि 2593 आरोपी जमानत पर बाहर हैं।
विधानसभा में जब यह पूछा गया कि संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान सरकारी वकील कितनी पेशियों पर उपस्थित हुए? तो इसमें जवाब दिया गया कि ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है।
23 साल से पेंडिंग दुष्कर्म के मामले
विधानसभा में दिए जवाब के अनुसार, हाई कोर्ट में नाबालिग से दुष्कर्म के कई मामले 23 साल से पेंडिंग हैं। इंदौर बेंच में 12 जनवरी, 2001 से एक केस पेंडिंग पड़ा हुआ है। सुनवाई के लिए 52 बार लिस्टेड हुआ लेकिन अब तक फैसला नहीं आया। ग्वालियर कोर्ट में ऐसे 10 केस हैं।
64 मामले ऐसे जिनमें रेप के बाद हत्या की गई
हाई कोर्ट की प्रिंसिपल सीट जबलपुर में कुल 3013 मामले पेंडिंग पड़े हैं। इनमें 64 मामले ऐसे हैं जिनमें रेप के बाद हत्या की गई है, जबकि 6 मामलों में सबंधित ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई है।
सीएम ने 132 पेजों का दिया जवाब
कांग्रेस विधायक बाला बच्चन ने सदन में पूछा था कि जबलपुर हाई कोर्ट, खण्डपीठ इंदौर हाई कोर्ट एवं खण्डपीठ ग्वालियर हाई कोर्ट में नाबालिग दुष्कर्म के कितने केस विचाराधीन है? इनमें वे केस अलग से बताया जाए, जिनमें नाबालिग दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले भी शामिल हैं? दोनों जानकारी अलग-अलग दें। इसमें विभाग द्वारा क्या-क्या कार्यवाही की गई है? केस अनुसार जानकारी दें? क्या इस संबंध में मुख्यमंत्री ने बीते 1 साल में कोई निर्देश, आदेश जारी किए है? अगर हां, तो उसकी प्रमाणित प्रति दें। इसी सवाल के जवाब में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाकायदा अलग अलग मामलों की 132 पेजों में जानकारी दी।