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मुगल बादशाह औरगंजेब एक ऐसा नाम जिसने लिया वही फंस गया

सपा विधायक अबू आजमी से पहले भी कई ऐसे नेता हैं जिनका मुगल बादशाह औरंगजेब के लिए प्रेम दिखा है। जिन लोगों ने इससे पहले औरगंजेब की तारीफ की वो भी आजमी की ही तरह फंस गए।

abu azmi aurangzeb

औरंगजेब की पेंटिंग। (Photo Credit: Wikimedia Commons)

महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और विधायक अबू आजमी मुगल बादशाह औरंगजेब के लिए प्रेम दिखाने के चक्कर में फंस गए हैं। उनको औरंगजेब की तारीफ करना भारी पड़ गया है। दरअसल, आजमी को औरंगजेब की प्रशंसा करने पर महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। 

 

वह मौजूदा विधानसभा के बजट सत्र के खत्म होने तक सदन से निलंबित रहेंगे। अबू आजमी के बयान की हर तरफ जमकर आलोचना हो रही है और उनके खिलाफ महाराष्ट्र में कई जगह जमकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। लोग उनकी तस्वीर को जला रहे हैं। उनके बयान के लिए महाराष्ट्र पुलिस ने उनके खिलाफ एक केस भी दर्ज किया है।

 

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आजमी ने मरीन ड्राइव पर दिया बयान

 

बता दें कि अबू आजमी मुंबई के मरीन ड्राइव गए थे, वहीं उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि औरंगजेब अच्छा प्रशासक था। औरंगजेब, मराठों की नजरों में खलनायक रहा है। उसके राज में उस समय भारत की GDP बहुत अच्छी थी और उन्होंने मंदिरों को दान भी दिया था। इसपर पक्ष से लेकर बीजेपी आजमी को देशद्रोही बता रही हैं। हालांकि, उन्होंने खेद जताते हुए अपना बयान के लिए माफी मांगी है।

 

विधायक अबू आजमी के निलंबन और उनके औरगंजेब को लेकर बयान दिए हए बयान पर शिवसेना(UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे उन्हें आड़े हाथों लिया। ठाकरे ने कहा, 'उन्हें स्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाना चाहिए। यह सिर्फ बजट सत्र के लिए नहीं होना चाहिए, निलंबन स्थायी रूप से होना चाहिए।'

 

महाराष्ट्र के नेताओं में उबाल

 

सपा विधायक के निलंबन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, 'उनको निलंबित कर दिया गया है। महाराष्ट्र की जनता की भावना को मानकर अध्यक्ष महोदय ने उनका निलंबन कर दिया है। छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान, छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान जो भी करेगा, उसको महाराष्ट्र नहीं छोड़ेगा, महाराष्ट्र उसको माफ नहीं करेगा।'

 

वहीं, अबू आज़मी के औरंगजेब वाले बयान पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने विधानसभा में कहा, 'उस व्यक्ति को पार्टी से निकालो और यूपी भेजो, हम उसका उपचार करेंगे। जो व्यक्ति छत्रपति शिवाजी महाराज की परंपरा पर गर्व करने के बजाय लज्जा महसूस करता है और औरंगजेब को अपना नायक मानता है, क्या उसे हमारे देश में रहने का अधिकार होना चाहिए? समाजवादी पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए... आप अपने उस विधायक पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं? आपने उसके बयान का खंडन क्यों नहीं किया?'

 

बता दें कि अबू आजमी से पहले भी कई ऐसे नेता हैं जिनका मुगल बादशाह औरंगजेब के लिए प्रेम दिखा है। जिन लोगों ने इससे पहले औरगंजेब की तारीफ की वो भी आजमी की ही तरह फंस गए थे। ऐसे में आइए जानते हैं कि अबू आजमी से पहले औरगंजेब की तारीफ करने वाले वो नेता कौन हैं?

 

कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने भी तारीफ की

 

कांग्रेस के लोकसभा सांसद इमरान मसूद ने भी औरंगजेब की तारीफ कर चुके हैं। उन्होंने तारीफ में कहा, जो इतिहास में लिखा है, उसको मिटा नहीं सकते हैं। एक फिल्म बनाकर इतिहास को मिटाया नहीं जा सकती। लोगों को सही ज्ञान मिलना चाहिए। औरंगजेब इस देश का 49 साल राजा रहा। वो आतताई कैसे हो सकता है। उसके राज में जीडीपी कहां थी। औरंगजेब हिंदुस्तान का बादशाह था। कैलाश मानसरोवर को किसने विजय कराया। बर्मा तक अखंड भारत किसने बनाया? यह सब औरंगजेब के जमाने में था।

 

उन्होंने आगे कहा कि आज मुगलों के वंशज बर्तन मांज कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। यहीं पैदा हुए। यहीं इस मिट्टी में खत्म हो गए। नफरत से बीजेपी इस देश को कहां लेकर जाएगी। नफरत की राजनीति से देश का नुकसान होगा। 25 करोड़ लोगों को साइड लाइन नहीं कर सकते।

 

दानिश अली औरंगजेब के समर्थन में

 

वहीं, कांग्रेस नेता दानिश अली ने औरंगजेब की प्रशंसा करते हुए कहा कि औरंगजेब देश का इतिहास है और इतिहास को मिटाया नहीं जा सकता। अच्छा या बुरा, इतिहास तो इतिहास है। हर राजा महाराजा का अपना स्टाइल होता था काम करने का। सत्ता हासिल करने के लिए वो लोग कुछ भी करते थे। उसको राजा महाराजा की कार्यशैली की तरह देखना चाहिए। किसी मजहब के साथ नहीं जोड़ना चाहिए।

 

औरंगजैब को ही टारगेट क्यों?- उदित राज

 

कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद उदित राज ने भी औरंगजेब की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। उन्होंने अबू आजमी के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अबू आजमी कुछ गलत नहीं बोले हैं। औरंगजेब ने मस्जिद भी तोड़ी थी। राजा लोग तो करते ही थे एक-दूसरे को प्रताड़ित। बड़े राजा छोटे को प्रताड़ित करते थे। सिर्फ एक राजा को टारगेट करना गलत है। हिंदू में भी क्रूर राजा हुए। सिर्फ औरंगजैब को ही टारगेट क्यों?

 

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कैसे विवाद में आया अबू आजमी का नाम?

 

दरअसल, विवाद की शुरुआत फिल्म छावा की वजह से हुई है। इस फिल्म में विकी कौशल ने छत्रपति संभाजी का किरदार निभाया है। फिल्म में संभाजी पर औरंगजेब द्वारा किए गए अत्याचार की कहानी दिखाई गई है। अबू आजमी ने औरंगजेब को कुशल प्रशासक बता दिया है। 

 

हंगामा हुआ माफी भी मांगी

 

हालांकि, अबू आजमी ने अपने बयान पर सफाई भी पेश की। अबू आजमी ने कहा, 'मेरे शब्दों को तोड़-मरोड़ कर दिखाया गया है। औरंगजेब रहमतुल्लाह अलेह के बारे में मैंने वही कहा है, जो इतिहासकरों और लेखकों ने कहा है।'

 

अबू आजमी ने कहा, 'मैंने छत्रपति शिवाजी महाराज, संभाजी महाराज या अन्य किसी भी महापुरषों के बारे में कोई अपमानजनक टिप्पणी नहीं की है। फिर भी मेरी इस बात से कोई आहत हुआ है तो मैं अपने शब्द, अपना स्टेटमेंट वापस लेता हूं।'

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