नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन नगालैंड में नागा छात्रों के हित के लिए काम करता है। फेडरेशन की स्थापना 29 अक्टूबर 1947 को हुई थी, तब से ही यह राज्य में छात्रों और नगा लोगों के लिए काम कर रहा है। अब नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन एक बार फिर से चर्चा में है। दरअसल, नगालैंड की स्वदेशी पहचान और राज्य की सुरक्षा को देखते हुए और नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन के इनर लाइन रेगुलेशन कमीशन ने सभी अंतरराज्यीय और अंतर-जिला टैक्सी मालिकों, ड्राइवरों और ऑपरेटरों को सख्त सलाह जारी की है।
अपनी सलाह में नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने 1873 के बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (BEFR) का सख्ती से पालन करने का आह्वान किया है। यह नियम नगालैंड में एंट्री करने वाले गैर-स्थानीय व्यक्तियों के लिए इनर लाइन परमिट (ILP) सिस्टम को अनिवार्य बनाता है।
'नगालैंड के लिए जरूरी है परमिट'
नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने कहा है कि राज्य में इनर लाइन परमिट का पालन सुनिश्चित करना केवल एक जरूरत नहीं है, बल्कि नगालैंड की जनसांख्यिकी, इकोसिस्टम और आदिवासी विरासत की रक्षा के मकसद से एक संवैधानिक और सांस्कृतिक दायित्व है।
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परिवहन ऑपरेटरों को दिया निर्देश
नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने सलाह में सभी परिवहन ऑपरेटरों को निर्देश दिया है कि वे सभी यात्रियों को अपनी गाड़ी में बैठाने से पहले उसकी इनर लाइन परमिट स्थिति की पुष्टि करें। अगर कोई यात्री नागालैंड सरकार द्वारा जारी वैध इनर लाइन परमिट को नहीं दिखा पाता है, तो उसे विनम्रतापूर्वक अपनी गाड़ी में बैठाने से मना कर दें। सलाह में यह भी कहा गया है कि गैर-स्थानीय ड्राइवरों को वाहन के अखिल भारतीय टैक्सी परमिट के साथ-साथ अपना वैध इनर लाइन परमिट भी साथ रखना चाहिए, जिसमें रिकॉर्ड- चाहे डिजिटल हो या भौतिक- पुलिस कर्मियों द्वारा मौके पर सत्यापन के लिए तैयार रखा जाना चाहिए।
नागालैंड में इनर लाइन परमिट क्या है?
नागालैंड में इनर लाइन परमिट एक ऐसा दस्तावेज है जो उन भारतीय नागरिकों के लिए जरूरी है जो नागालैंड के मूल निवासी नहीं हैं। यह एक यात्रा बैन है जिसका मकसद संरक्षित क्षेत्रों में प्रवेश को रेग्यूलेट करता है। परमिट को नागालैंड सरकार जारी करती है और यह भारतीय और विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ राज्य में काम या बिजनेस करने आने वाले लोगों के लिए भी जरूरी है।
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संगठन ने दी चेतावनी
नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने चेतावनी दी कि वैध इनर लाइन परमिट दस्तावेज के बिना किसी को यात्रा करवाना अवैध माना जाएगा। अगर ऐसा होता है तो बंगाल ईस्टर्न फ्रंटियर रेगुलेशन (1873) की धारा 6 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इसमें कहा गया है कि दंड में भारी जुर्माना, वाहन जब्ती और टैक्सी परमिट रद्द करना शामिल हो सकता है। इसके साथ ही राज्य-स्तरीय सुरक्षा प्रोटोकॉल को कमजोर करने के लिए संभावित कानूनी कार्यवाही भी हो सकती है।
जमीन और लोगों के लिए साझा जिम्मेदारी
इनर लाइन परमिट सिस्टम की महत्ता को दोहराते हुए नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने इसे नगालैंड की स्वदेशी पहचान, इकोलॉजी संतुलन और कानून-व्यवस्था को संरक्षित करने वाली कानूनी ढाल के रूप में बताया है। छात्र संगठन ने ट्रांसपोर्ट संगठनों के सहयोग करे के लिए विश्वास जताया है। साथ ही इसको पालन करने के लिए मजबूत करने के लिए लगातार निगरानी और जागरूकता प्रयासों का वादा किया है।
नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन ने आगे कहा, 'अनुपालन एक विकल्प नहीं है, यह हमारी जमीन और लोगों के संरक्षण के लिए एक साझा जिम्मेदारी है।'
नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन
नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (NSF) नगा लोगों का सबसे बड़ा छात्र संगठन है। यह संगठन 1947 से ही नगा छात्रों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए काम करता है। एनएसएफ नगालैंड, मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश में सक्रिय है। दरअसल, पूर्वोत्तर के राज्यों में नगा लोग रहते हैं। यह संगठन शिक्षा, सामाजिक न्याय, और नगा लोगों की राजनीतिक पहचान जैसे मुद्दों पर सक्रिय रूप से शामिल रहता है।
नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन क्या काम करता है?
- शिक्षा को बढ़ावा देना- एनएसएफ शिक्षा को बढ़ावा देने और छात्रों के लिए बेहतर अवसर सुनिश्चित करने के लिए काम करता है।
- सामाजिक न्याय
- नगा पहचान की रक्षा
- राजनीतिक मुद्दों पर सक्रियता