हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की 128वीं बैठक में हजारों आवंटियों को बड़ी राहत देने वाली एमनेस्टी योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत 6 जुलाई 2020 के बाद ई-नीलामी के माध्यम से बेचे गए और बाद में रद्द किए गए रिहायशी प्लॉटों को नियमित करने का अवसर मिलेगा। यह योजना ग्रुप हाउसिंग सोसायटीज को छोड़कर केवल रिहायशी भूखंडों पर लागू होगी। इस कदम से उन हजारों परिवारों को फायदा होगा, जिनके प्लॉट भुगतान में देरी के कारण रद्द हो गए थे।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने बताया कि यह योजना उन बोलीदाताओं के लिए है, जिन्होंने प्लॉट की कुल लागत का 25% में से कम से कम 15% पहले ही जमा कर दिया था, लेकिन शेष राशि समय पर जमा न करने के कारण उनके प्लॉट रद्द कर दिए गए। ऐसे आवंटी अब 24% वार्षिक ब्याज के साथ बकाया राशि जमा करके अपने प्लॉट को पुनः प्राप्त कर सकते हैं। योजना की अधिसूचना जारी होने के 60 दिनों के भीतर पूरी राशि (मूल राशि और ब्याज) जमा करनी होगी।
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इसके अलावा, जिन बोलीदाताओं ने पहली एमनेस्टी योजना का लाभ नहीं उठाया था, वे भी इस नई योजना के तहत पात्र होंगे। यह कदम उन परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जो आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से समय पर भुगतान नहीं कर पाए थे। 2020-25 के बीच एचएसवीपी ने ई-नीलामी के जरिए 12,500 रिहायशी प्लॉट बेचे थे, जिनमें से 3,200 प्लॉट रद्द किए गए थे। इनमें से 60% आवंटी अब इस योजना के तहत अपने प्लॉट नियमित कर सकते हैं।
कॉलेज के लिए दी जमीन
बैठक में मुख्यमंत्री ने फरीदाबाद में प्रशासनिक और विकास कार्यों को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। फरीदाबाद के बल्लभगढ़ में सेक्टर 23 में 5 एकड़ भूमि को कॉलेज निर्माण के लिए हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई। यह कदम क्षेत्र में उच्च शिक्षा के अवसरों को बढ़ाएगा। इसके साथ ही, फरीदाबाद में एस्टेट ऑफिसर II के नए पद के सृजन को भी स्वीकृति दी गई। अधिकारियों के अनुसार, फरीदाबाद अर्बन एस्टेट 62,606 संपत्तियों का प्रबंधन करता है, जो राज्य में सबसे अधिक है, जबकि गुरुग्राम के दोनों कार्यालय मिलकर 55,735 संपत्तियों को संभालते हैं। इस नए पद से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी।
डिजिटल पहल का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने एचएसवीपी की तीन प्रमुख डिजिटल पहलों का उद्घाटन भी किया:
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ई-आवास पोर्टल: यह पोर्टल कर्मचारियों के लिए स्टाफ क्वार्टर आवंटन प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल बनाएगा। आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे और सभी दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे।
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ऑनलाइन एक्स-ग्रेशिया पॉलिसी आवेदन पोर्टल: यह पोर्टल मुआवजा नीति से संबंधित आवेदनों को सरल बनाएगा।
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जल बिलिंग डेटाबेस का पीपीएम सिस्टम से एकीकरण: इससे जल बिलिंग प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित होगी।
इन डिजिटल पहलों से एचएसवीपी की कार्यक्षमता में सुधार होगा और आवंटियों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी। 2024-25 में एचएसवीपी ने 85% आवेदनों को ऑनलाइन प्रोसेस किया, जिससे प्रशासनिक प्रक्रिया में 30% समय की बचत हुई।