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पानी के रास्ते जाएंगी गाड़ियां, सिंधुदुर्ग-रत्नागिरी तक चलेगी रो-रो

महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई-कोंकण को जोड़ने वाली नई रो-रो सेवा की शुरूआत करने की घोषणा की है। 1 सितंबर से इसमें यात्रा करना शुरू हो जाएगा। इन दोनों जगहों के बीच ट्रैवल का समय लगभग 5 घंटे का हो जाएगा।

Mumbai-Konkan Ro-Ro service

मुंबई-कोंकण रो-रो सेवा, Pic Credit- X @IndianInfoGuid

महाराष्ट्र में कई इलाके समुद्री तट के आसपास है। ये इलाके ट्रैफिक जाम और यात्रा में ज्यादा समय की समस्या से भी जूझते हैं। ऐसी ही एक समस्या से निजात पाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने नए रो-रो सेवा की शुरुआत करने का ऐलान किया है। गणेश चतुर्थी के दौरान मुंबई और उसके आस-पास के इलाकों में लोगों की आवाजाही बहुत बढ़ जाती है जिसको देखते हुए सरकार मुंबई-कोंकण के बीच यात्रा आसान करने के लिए इसकी शुरुआत कर रही है। 1 सितंबर से इसमें यात्रा किया जा सकेगा। ऐसा बताया जा रहा है कि इससे दोनों जगहों के बीच ट्रैवल का समय लगभग 5 घंटे का हो जाएगा।

 

आपको बता दें कि इस सेवा से यात्रा के समय में काफी कमी हो जाएगी और साथ ही इससे मुंबई-गोवा हाइवे पर त्योहारों के समय लगने वाले भारी ट्रैफिक जाम से भी छुटकारा मिलने की उम्मीद की जा रही है। फिलहाल, इस हाइवे पर ट्रैवल करने में 10-12 घंटे लग जाते हैं जो अब घटकर लगभग 5 घंटे रह जाएंगे। महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले मुंबई और अलीबाग के बीच रो-रो सेवा की शुरुआत की थी जो सफल मानी जाती है।

 

रो-रो सेवा क्या है?

 

अब आपको यह भी समझना चाहिए की रो- रो सेवा क्या है? रो-रो का पूरा नाम Roll-on/Roll-off है। रो-रो फेरी सेवा नदी या तटीय इलाकों में ही चलाई जाती है जिससे लोगों को ट्रैवल करने में आसानी होती है। इसमें नाव या जहाज पर अपनी गाड़ी के साथ खुद एक जगह से दूसरी जगह पर पानी के रास्ते जा सकते हैं। नदियों और समुद्र के कारण एक जगह से दूसरे जगह जाना वैसे काफी मुश्किल होता है लेकिन रो-रो सेवा इसे काफी आसान बनाती है।

 

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साउथ एशिया की सबसे तेज रो-रो सेवा


यह फेरी सेवा मुंबई से रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के बीच चलेगी। इसमें 552 लोगों (प्रीमियम इकोनॉमी- 44, बिजनेस क्लास- 48 और फर्स्ट क्लास - 12) के बैठने की व्यवस्था है। यह 25 नाटिकल मील (समुद्र में 25 नॉट की गति 25 समुद्री मील प्रति घंटे या लगभग 46.3 किलोमीटर प्रति घंटे के बराबर होती है) की स्पीड से चलेगी इसलिए इसे सबसे तेज फेरी सेवा कहा जा रहा है। 

 

कहां-कहां सेवा में रहेगी?


यह दो रूटों पर चलेगी। पहला मुंबई से रत्नागिरी जिसमें समय 3 से 3.5 घंटे लगेंगे। दूसरा मुंबई से सिंधुदुर्ग जिसमें 5 से 5.5 घंटे का समय लगेगा। इसमें फेरी मुंबई में भाऊचा धक्का, रत्नागिरी में जयगाड़ और सिंधुदुर्ग में विजयदुर्ग में मिलेगी। 

 

किराया कितना लगेगा? 

 

इकॉनोमी क्लास के लिए 2500 रुपये, प्रीमियम इकॉनमी क्लास के लिए 4000 रुपये, बिजनेस क्लास के लिए 7500 रुपये और फर्स्ट क्लास के लिए 9000 रुपये किराया होगा। फोर व्हीलर के लिए 6000, बाइक के लिए 1000 और साइकिल के लिए 600 रुपये का किराया लिया जाएगा। इतने भारी रकम तय किए जाने पर सवाल उठाया जा रहा है। इस पर राज्य सरकार में बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने कहा, ' इस यात्रा से लोगों का समय काफी बचेगा और मुंबई से चिपी हवाई अड्डे तक जाने के लिए लोग 18000 से 27000 रुपये तक की टिकट की कीमत देने को तैयार हैं।'

 

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कोंकण में रहने वाले लोगों के लिए इसे एक बड़े बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। साउथ एशिया की सबसे तेज रो-रो फेरी के रूप में यह सेवा इंटर-सिटी यात्रा सुविधा में सुधार के लिए महाराष्ट्र सरकार की एक प्रमुख पहल है। 

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