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'पहलगाम आतंकियों को आपने पैसे दिए,' बुजुर्ग से साइबर ठगी, गंवाए 43 लाख

साइबर ठग, अब बुजुर्ग लोगों को निशाना बना रहे हैं, ऑनलाइन फोन कर उन्हें धमकी दे रहे हैं, खुद को अधिकारियों की तरह पेश कर रही हैं। नोएडा में भी एक ऐसा ही केस सामने आया है।

Digital Arrest

AI इमेज। (Photo Credit: Sora)

उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक 76 साल की महिला के साथ ऑनलाइन साइबर ठगी हुई है। महिला ने अपनी आपबीती बताई है, जिसे सुनकर लोग हैरान हैं। 18 जुलाई को महिला के घर लैंडलाइन नंबर पर किसी महिला का फोन किया। महिला ने खुद को टेलीकॉम कंपनी में काम करने वाली एग्जीक्युटिव के तौर पर पेश किया। बीच कॉल में ही उसने कहा कि अब वह कॉल मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर रही है।

एक फर्जी पुलिस अधिकारी ने फोन पर बात शुरू कर दी। पुलिस अधिकारी ने सरला देवी से कहा, 'आपने पहलगाम हमले को अंजाम देने वाले आतंकियों को फंडिंग दी है।' महिला डर से कांप गई। महिला को ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया और उसके साथ ऑनलाइन ट्रांसफर का खेल खेलने लगे।

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24 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रही महिला 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महिला को फर्जी पुलिस अधिकारी ने 24 दिनों तक अपने कमरे में बंद रखा। महिला ने खुद को निर्दोष साबित करने के लिए 43 लाख से ज्यादा की रकम लुटा दी। महिला के खाते से पैसे ट्रांसफर किए गए। जब कुछ दिन बीता तो उन्हें एहसास हुआ कि दरअसल उनके साथ ठगी हुई है। 

कैसे साइबर ठगी के जाल में फंसी महिला?

नोएडा के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत के मुताबिक, कॉल करने वाली ने कहा कि सरला के नाम पर मुंबई के बाइकुला में एक फोन नंबर रजिस्टर्ड है, जिसका इस्तेमाल गैरकानूनी कामों के लिए हो रहा है। उस फोन नंबर से जुआ और ब्लैकमेलिंग जैसे कामों को अंजाम दिया जा रहा है। कॉल करने वाली महिला ने कॉल के दौरान ही मुंबई क्राइम ब्रांच के एक 'एसीपी' से बात कराई। महिला से फर्जी एसीपी ने कहा कि उनके खिलाफ हवाला और आतंकी फंडिंग के मामले में गिरफ्तारी का वारंट जारी है।

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43 लाख रुपये 24 दिन में गंवाए

महिला ने कहा, 'मैं अकेली विधवा हूं, मुझे डर था। उन्होंने मेरे बैंक खातों की जानकारी मांगी और गिरफ्तारी से बचने के लिए सिक्योरिटी मनी जमा करने को कहा। उन्होंने कहा कि जांच के बाद यह रकम लौटा दी जाएगी। ऑफिस खातों से RTGS, IMPS और QR कोड के जरिए 8 बार में 43 लाख रुपये ट्रांसफर किए।

कैसे खुला ठगी का राज

पुलिस के मुताबिक ठगों ने व्हाट्सऐप और वीडियो कॉल के जरिए डिजिटल अरेस्ट किया। 15 लाख रुपये और मांगे। यह सब वह सह रहीं थीं, तभी एक वकील के संपर्क में आईं। उन्हें फिर पता चला कि सरला डिजिटल ठगी का शिकार हो रही हैं। उन्होंने ठगों के साथ बातचीत बंद कर दी।

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जांच कर रही है नोएडा पुलिस

सरला ने शिकायत में कहा कि इस ठगी ने उन्हें आर्थिक और मानसिक रूप से तोड़कर रख दिया है। नोएडा पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। आईटी एक्ट की धारा 66D के तहत भी केस दर्ज हुआ है। पुलिस पैसे के लेनदेन की जांच कर रही है और ठगों की तलाश में जुटी है।

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